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सीती में ग्लेशियर के ऊपर से चल रहे हैं वाहन
धारचूला: एक तरफ केएमवीएन आदि कैलास यात्रा की बात कर रहा है। दूसरी तरफ तवाघाट- गर्बाधार -लिपुलेख मार्ग दलदल बना हुआ है। दलदल में वाहन फंसने से मार्ग बंद हो गया है। सीती के पास ग्लेशियर काट कर मार्ग बनाया गया है। ग्लेशियर के ऊपर वाहन चल रहे हैं । जिससे खतरा बना हुआ है।
चीन सीमा तक जाने वाले गर्बाधार -लिपुलेख मार्ग की दशा दयनीय बनी है। बूंदी से छियालेख के बीच बीआरओ डामरीकरण कर रहा है। छियालेख से आगे उच्च हिमालय में स्थिति बेहद दयनीय बनी है। सीती में मार्ग पर ग्लेशियर बना है। यहां पर बीआरओ ने ग्लेशियर काट कर मार्ग बनाया है। वाहन ग्लेशियर के ऊपर से चल रहे हैं। जिससे खतरा बना हुआ है। इधर गर्मी बढृऩे से ग्लेशियर के पिघलने के आसार बढ़ते जा रहे हैं। गुंजी जा रहे ग्रामीणों ने बताया कि सीती के पास हर पल खतरा बना हुआ है। गब्र्यांग से गुंजी के बीच पूरा मार्ग दलदल बना हुआ है।
दलदल बने मार्ग पर सोमवार को धारचूला से गुंजी जा रहा वाहन फंस गया। दलदल में फंसे वाहन को निकालने के लिए चालक सहित सवारियों ने काफी प्रयास किया परंतु वाहन नहीं निकल सका। बाद में सवारियों को पैदल गुंजी पहुंचना पड़ा। गुंजी गए ग्रामीणों ने बताया कि उच्च हिमालय में सड़क में अभी डामर नहीं होने से पिघल रही बर्फ से मार्ग कीचड़ से पटा हुआ है। वाहन जगह -जगह फंस रहे हैं। सीती में ग्लेशियर के ऊपर वाहन चलने से जान हलक में आ रही है। इस समय गुंजी के कई परिवार अपने मूल गांव में ही निवास कर रहे हैं । ग्रामीणों को अपने आवश्यक कार्य व उपचार के लिए धारचूला आना पड़ता है। मार्ग के खराब होने से ग्रामीण परेशान हैं। ग्रामीणों ने बीआरओ से मार्ग को सुचारु करने की मांग की है। आने वाले दिनों में इसी मार्ग से आदि कैलास यात्रा होनी है। मार्ग की दशा नहीं सुधरने पर यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। दूसरी तरफ विगत नौ माह से बंद दारमा मार्ग भी अभी तक यातायात के लिए नहीं खुल सका है। इस मार्ग में सेला से आगे मार्ग पर ग्लेशियर जमा है। मिलम -मुनस्यारी मार्ग पर छिरकानी नामक स्थान पर ग्लेशियर से हिमखंड खिसक कर आने से आवाजाही ठप है। यह मार्ग मानसून काल से ही बंद है।

