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रामनगर से जिस पार्टी का विधायक सरकार भी उसी की, नहीं टूटा 20 साल से मिथक
रामनगर में जिस पार्टी का विधायक जीतता है, प्रदेश में सरकार भी उसी दल की बनती है। रामनगर में 20 साल से चला आ रहा यह मिथक इस बार भी बना हुआ है। लगातार दो बार चुनाव जीतने का अवसर भी वर्ष 1990 से भाजपा से जुड़े दीवान सिंह को मिला है।
राज्य गठन के बाद वर्ष 2002 में विधानसभा के चुनाव हुए थे। जिसमें कांगे्रस के स्व. योगबंर सिंह रावत भाजपा के दीवान सिंह बिष्ट को हराकर पहली बार विधायक का चुनाव जीते थे। तब सरकार प्रदेश में कांगे्रस की आई थी। वर्ष 2007 में भाजपा के दीवान सिंह बिष्ट ने कांगे्रस के योगबंर सिंह रावत को हरा दिया। तब प्रदेश में भाजपा की सरकार आसीन हुई थी।
इसके बाद वर्ष 2012 में कांगे्रस की अमृता रावत रामनगर से भाजपा के दीवान सिंह बिष्ट को हराकर चुनाव जीत गई थी। प्रदेश में सरकार फिर कांगे्रस की ही बनी थी। यही सिलसिला वर्ष 2017 में भी जारी रहा। वर्ष 2017 में दीवान सिंह बिष्ट ने कांगे्रस के रणजीत रावत को चुनाव हरा दिया।
सरकार फिर प्रदेश में भाजपा की बन गई थी। यही मिथक इस बार भी नहीं टूट पाया। इसी तरह इस बार भी दीवान सिंह बिष्ट ने कांगे्रस के महेंद्र सिंह पाल को चुनाव हरा दिया। अभी भी प्रदेश में सरकार भाजपा की बनने जा रही है। लेकिन दीवान सिंह बिष्ट लगातार दूसरी बार चुने जाने वाले विधायक बन गए हैं।
यदि बात करें तो उत्तराखंड गठन के बाद दीवान सिंह बिष्ट लगातार पांच बार रामनगर विधान सभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। जिसमें से तीन बार उन्हें जीत हासिल हुई है।