उत्तराखण्ड
सीएम का नाम फाइनल, अब विधानसभा क्षेत्र पर मंथन, छह माह के अंदर लड़ना है चुनाव
हल्द्वानी : तमाम मिथक तोड़ते हुए राज्य में भाजपा ने दोबारा सत्ता हासिल कर ली है। मुख्यमंत्री भी उन्हीं को बना दिया गया है, जिनके चेहरे पर चुनाव लड़ा गया था। भाजपा ने 47 सीटें जीत ली थी लेकिन खटीमा से सीएम पुष्कर सिंह धामी हार गए थे।
अब उन्हें छह महीने के भीतर चुनाव लडऩा होगा। इसके लिए कुमाऊं में तीन विधायकों ने अपनी सीट छोडऩे का ऐलान भी दोहरा दिया है। अब देखना होगा सीएम के विधानसभा क्षेत्र होने का गौरव किसे मिलता है।
- चम्पावत विधानसभा क्षेत्र से जीते विधायक कैलाश गहतोड़ी पहले ही पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट छोडऩे का ऐलान कर चुके हैं।सोमवार को धामी के सीएम बनाए जाने की घोषणा के बाद गहतोड़ी ने दोहराया कि सीएम मेरे क्षेत्र से चुनाव लड़ते हैं तो यह बेहतर है। उनके आने से क्षेत्र का विकास होगा।
- जागेश्वर विधानसभा सीट के विधायक मोहन सिंह मेहरा ने भी कहा था कि सीएम धामी ने कम समय में शानदार काम किया है। उनकी जबरदस्त मेहनत की बदौलत उत्तराखंड में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिलता है। उनके सीएम बनने पर वह अपनी सीट छोडऩे को तैयार हैं।
- कपकोट से पहली बार विधायक बने रमेश गढिय़ा ने भी सीएम बनाए जाने पर धामी के लिए अपने विधानसभा क्षेत्र छोडऩे का ऐलान किया था। वैसे भी गढिय़ा सीएम धामी के कीरबी माने जाते हैं। बागेश्वर के जिलाध्यक्ष शिव सिंह बिष्ट ने कहा है कि अगर धामी इस क्षेत्र से चुनाव लड़ते हैं तो उनका स्वागत है।
अब देखना होगा कि सीएम किस क्षेत्र को उपचुनाव के लिए चुनते हैं। इसके अलावा कुछ और क्षेत्रों पर भी चुनाव लडऩे की चर्चा है। हालांकि उपचुनाव किस सीट से होगा? पूरी स्थिति कुछ समय बाद ही स्पष्ट होगी।