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जापान में मोदी की तरफ बाइडन की रहस्यमय मुस्कान, क्या संदेश ?

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विदेश नीति में छोटी सी मुस्कान के बड़े मायने होते हैं। और अगर यह मुस्कान दुनिया के सबसे शक्तिशाली शख्स के चेहरे पर तैर जाए, तो इसके अर्थ कई निकलते हैं। जापान की राजधानी टोक्यो में मंगलवार को द्विपक्षीय वार्ता से पहले पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन आमने-सामने बैठे थे। साथ में द्विभाषिए भी थे। संवाद शुरू हुआ। बाइडन ने पहले बोलना शुरू किया। और ‘क्रूर रूस’ का जिक्र कर बाइडन ने एक रहस्यमय मुस्कान सामने बैठे पीएम मोदी की तरफ फेंकी।

आप आम दिनों में इसे एक सामान्य सा हाव-भाव कहकर नजरंदाज कर सकते हैं। लेकिन जापान में जो मंच सजा है, वहां हर चीज के गहरे मायने हैं। कई अर्थ हैं। यूक्रेन और चीन पर दुनिया के स्थापित समीकरण बदल गए हैं। टोक्यो में दो दिन के अंदर, क्वाड से लेकर हिंद-प्रशांत तक, दुनिया के भावी खेमे तय कर लिए गए हैं। और दोनों में भारत केंद्रीय भूमिका में दिखाई दे रहा है।

क्या दोस्ती पक्की हो चुकी है?

ऐसे में यूक्रेन पर रूस की हरकत को क्रूर बताते हुए बाइडन का पीएम मोदी की तरफ यूं रहस्यमय मुस्कान के साथ देखना कई अर्थ पैदा करता है। सबसे पहला यह है कि यूक्रेन पर अभी तक पुराने दोस्त रूस संग खड़े दिख रहे भारत की विदेश नीति बदल रही है? क्या पलड़ा अमेरिका की तरफ झुकना शुरू हो चुका है? बंद कमरे में मोदी और बाइडन की द्विपक्षीय बातचीत बहुत कुछ तय करने वाली है।

बाइडन के शब्दों में भारत के लिए संदेश

दरअसल बाइडन की इस मुस्कुराहट के साथ उनके शब्दों में भी भारत के लिए संदेश छिपा है। उन्होंने अमेरिका और भारत के बीच धरती की दूरी को खत्म करने देने का दम भरा। बाइडन ने कहा, ‘हम यूक्रेन में रूस के अनुचित और क्रूर युद्ध पर भी चर्चा करेंगे। इसका असर पूरे विश्व पर पड़ रहा है। इसमें हम बहुत बारीकी के साथ निरंतर परामर्श करते रहेंगे। हम इस पर विचार करेंगे कि इसका प्रभाव किस प्रकार कम किया जा सकता है। मैं अपनी बातचीत के लिए बहुत उत्सुक हूं। हम दोनों देश बहुत कुछ कर सकते हैं और मिलकर करेंगे। मेरी यह प्रतिबद्धता है कि मैं भारत और अमेरिका की साझेदारी को इस धरती पर बहुत नजदीकी बना दूं।’

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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