Connect with us

अंतरराष्ट्रीय

खारकीव से निकले देहरादून के अक्षत, लेकिन अब नहीं हो पा रही बात, स्वजनों की बढ़ी चिंता

खबर शेयर करें -

देहरादून। यूक्रेन के खारकीव में भारतीय छात्र की मौत के बाद अपने बच्चों की वतन वापसी का इंतजार कर रहे स्वजन की चिंता बढ़ गई है। वह दुआ कर रहे हैं कि किसी तरह उनके बच्चे यूक्रेन सीमा से निकलकर सुरक्षित स्थान पर पहुंच जाएं। वहीं, पौलेंड व रोमानिया बार्डर पर गैर यूक्रेनी लोगों की भारी भीड़ जमा है। बार्डर पार करने के लिए छात्रों को कई घंटे इंतजार करना पड़ रहा है। उन्हें वहां भी तमाम दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है।

खारकीव से निकले अक्षत, पर अब नहीं हो पा रही बात

देहरादून के जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन अस्पताल) में वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा. डीपी जोशी के बेटे अक्षत खारकीव में एमबीबीएस कर रहे हैं। वहां हालात बिगड़ने पर उन्होंने मैट्रो स्टेशन के बेसमेंट में शरण ली थी। डा. जोशी ने बताया कि उनकी मंगलवार सुबह अक्षत से बात हुई। अक्षत समेत दस भारतीय छात्र खारकीव से निकल गए हैं। वह लोग ट्रेन और टैक्सी से शेल्टर कैंप तक पहुंच रहे हैं। डा. जोशी के अनुसार कनेक्टिविटी की समस्या के चलते उनकी अब बेटे से बात नहीं हो पा रही है। ईश्वर से दुआ कर रहे हैं कि बेटा जल्द सुरक्षित घर पहुंच जाए।

फ्लाइट के लिए बढ़ा इंतजार

यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के लिए सभी परेशान हैं। खारकीव में भारतीय छात्र की मौत ने स्वजन की टेंशन बढ़ा दी है। इस बीच दून निवासी सूर्याश बिष्ट व उनके साथियों का इंतजार बढ़ गया है। उम्मीद थी कि मंगलवार को रोमानिया से भारत आने वाली फ्लाइट में वह लौट आएंगे, लेकिन वहां से एक ही फ्लाइट आ पाई। भीड़ अत्याधिक होने के कारण सूर्याश व साथियों को इसमें जगह नहीं मिली। सूर्याश के साथ 22 छात्र और हैं। वह शनिवार रात दो बजे ल्वीव से निकले थे। रोमानिया बार्डर के लिए उन्होंने ट्रेन ली। इसके बाद कैंप तक जाने के लिए टैक्सी की, पर अत्याधिक भीड़ व जाम होने के कारण टैक्सी ने उन्हें करीब आठ किमी पहले ही छोड़ दिया। उन्हें भारी ठंड में आठ किमी का सफर पैदल तय करना पड़ा। रविवार सुबह आठ बजे वह रोमानिया बार्डर पहुंचे। वह अभी शेल्टर कैंप में हैं।

उत्तराखंडी छात्रों ने पोलैंड बार्डर किया पार

पिछले पांच दिन से कीव, ल्वीव में फंसे उत्तराखंड के छात्रों समेत 20 लोग ने पोलैंड सीमा पार कर ली है। दून के अभिनव चौहान बताते हैं कि पोलैंड बार्डर पर भी वाहनों की कतार लगी है। अब लोगों को बस से उतरने नहीं दिया जा रहा है। वाहनों को ही सीमा से बारी-बारी से बाहर ले जाया जा रहा है। अभिनव बताते हैं कि खारकीव की घटना की वजह से चिंता का माहौल है। बता दें, दून के अभिनव चौहान और शिप्रा चौहान समेत 450 से ज्यादा भारतीय दो दिन पहले तक कीव में फंसे हुए थे। कीव पर रूसी हमला बढ़ने पर जैसे तैसे वह लोग ल्वीव व अन्य शहरों में पहुंचे।

Continue Reading

संपादक - कस्तूरी न्यूज़

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in अंतरराष्ट्रीय

Advertisiment

Recent Posts

Facebook

Trending Posts

You cannot copy content of this page