उत्तराखण्ड
भड़के मदन, हाईकमान को ललकारा, नाकारा शीर्ष नेतृत्व कांग्रेस की दुर्गति का कारण शीर्ष नेतृत्व, नेतृत्व बदलो तो ही कांग्रेस की दुर्गति होगी दूर
द्वाराहाट अल्मोड़ा : उत्तराखंड कांग्रेस में विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा। चुनाव से पहले शुरू हुआ विवाद अब भी जारी है। प्रदेश अध्यक्ष, नेता व उपनेता प्रतिपक्ष नियुक्त करते ही पार्टी में असंतोष पनपने लगा है। नेताप्रतिपक्ष की दौड़ में शामिल द्वाराहाट विधायक व प्रदेश महासचिव मदन सिंह बिष्ट के तेवर तल्ख हो गए हैं। उन्होंने कांग्रेस हाईकमान को ही निशाने पर ले लिया। कहा कि गलत फैसलों से कांग्रेस रसातल पर पहुंच गई है।
कांग्रेस विधायक मदन यही नहीं रुके उन्होंने शीर्ष नेतृत्व को नौसिखिया करार दे दिया। कहा कि शीर्ष पर बैठे लोग पार्टी को आगे बढ़ाने के बजाय डुबाने पर तुले हैं। दो टूक कहा कि जब तक हाईकमान में बदलाव नहीं किया जाता कांग्रेस का भला नहीं हो सकता। उबरने के सपने देखना बेइमानी होगी।
प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष जैसे हम अहम पद पर घोषणा से पार्टी में संग्राम की आशंका के मद्देनजर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने लंबे मंथन बाद नामों की घोषणा की। मगर जिस बात का डर था वही हुआ। गुटबाजी से खुद को दूर रखने वाले कांग्रेस के कद्दावर नेता व विधायक मदन सिंह बिष्ट पार्टी के मुखिया समेत तीन पदों पर नामों की घोषणा के बाद हाईकमान पर सीधे हमले से तक नहीं कतराए। नेता प्रतिपक्ष बनने की चाह पाले विधायक मदन ने कहा कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के नकारापन के कारण पंजाब और उत्तराखंड में पार्टी की ये दुर्गति हुई। उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों से एकदम अनजान हाईकमान अपने बेतुके फैसलों से कांग्रेस को पतन की ओर धकेलता जा रहा।
उपेक्षा से आहत विधायक मदन ने उत्तराखंड में हरीश रावत और प्रीतम सिंह की गुटबाजी को भी पार्टी के लिए नुकसानदेह बताया। मगर ठीकरा हाईकमान पर फोड़ते हुए स्पष्ट कहा कि जब तक शीर्ष नेतृत्व में बदलाव नहीं किया जाता कांग्रेस का भला होने वाला नहीं है।
पांच पदाधिकारियों समेत सात ने दिए इस्तीफे
प्रदेश महासचिव मदन सिंह बिष्ट को नेताप्रतिपक्ष न बनाए जाने से नाराज प्रदेश सचिव जगत रौतेला, प्रवक्ता नारायण सिंह रावत, जिला उपाध्यक्ष दीपक बिष्ट, युवक कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष देवेंद्र भंडारी, सचिव प्रताप रावत, शैलेंद्र रावत, दीपक सिंह बिष्ट ने कांग्रेस की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिए हैं।
उन्होंने हाईकमान के फैसले को गलत करार दे कड़ा रोष जताया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब पार्टी हाशिए पर थी तब मदन सिंह बिष्ट ने जिलापंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी कांग्रेस को दिलाई। खुद की लोकप्रियता से विधायक भी बने। मगर कर्मठ नेता की उपेक्षा की गई। हालांकि विधायक मदन ने त्यागपत्र व नाराजगी को पार्टी कार्यकर्ताओं की भावना बताया।

