Connect with us

उत्तराखण्ड

हाई कोर्ट का हल्द्वानी रेलवे की भूमि के 4365 अतिक्रमणकारियों के मामले में हस्तक्षेप से इनकार, फैसला सुरक्षित

खबर शेयर करें -

नैनीताल : हाई कोर्ट ने हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ भूमि पर  अतिक्रमण के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने अतिक्रमणकारियों की हस्तेक्षप याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए निर्णय सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट  ने कहा कि केंद्र सरकार के पास अतिक्रमण हटाने के दौरान पर्याप्त सुरक्षाबल उपलब्ध है।

सोमवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा व न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ में हल्द्वानी गौलापार निवासी रविशंकर जोशी की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा है कि  9 नवम्बर 2016 को उच्च न्यायालय ने 10 सप्ताह के भीतर रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि जितने भी अतिक्रमणकारी है , उनको रेलवे पीपीएक्ट के तहत नोटिस देकर जनसुनवाई करें। 

रेलवे की तरफ से कहा गया था कि हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण किया गया है, करीब 4365 लोग हैं। हाई कोर्ट के आदेश पर इन लोगो को पीपीएक्ट में नोटिस दिया गया। जिनकी रेलवे ने पूरी सुनवाई कर ली है। किसी भी व्यक्ति के पास जमीन के वैध कागजात नहीं पाए गए।

अतिक्रमण हटाने के लिए रेलवे ने जिलाधिकारी नैनीताल से दो बार सुरक्षा दिलाए जाने हेतु पत्र दिया गया। दिसम्बर 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यो को दिशा निर्देश दिए थे कि अगर रेलवे की  भूमि पर अतिक्रमण किया गया है तो पटरी के आसपास रहने वाले लोगो को दो सप्ताह और उसके बाहर रहने वाले लोगो को छह सप्ताह के भीतर नोटिस देकर हटाएं ताकि रेलवे का विस्तार हो सके। 

इन लोगो को राज्य में कहीं भी बसाने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन व राज्य सरकारों की होगी। अगर इनके सभी पेपर वैध पाए जाए है तो राज्य सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इनको आवास मुहैया कराएं।

Continue Reading

संपादक - कस्तूरी न्यूज़

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखण्ड

Advertisiment

Recent Posts

Facebook

Trending Posts

You cannot copy content of this page