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ऊधम सिंह नगर जिले में पिछले 6 सालों में लगातार हत्‍याओं के मामलों से सनसनी फैली है। कई हत्‍याओं के मुकदमे अभी तक कोर्ट में विचाराधीन हैं। यूपी से सटा होने के कारण यहां हत्‍या की वारदात अधिक होती रहती हैं।

ऊधमसिंहनगर

उत्‍तराखंड का वो जिला जहां झगड़ा छोटा हो या बड़ा, जवाब मिलता है बंदूक की गोली से

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रुद्रपुर। उत्‍तराखंड का नाम जब लोगों के जहन में आता है तो उनके सामने जो तस्‍वीर आती है वो ऊंचे-ऊंचे बर्फ से ढके पहाड़। नैनीताल का माल रोड और सुंदर प्राकृतिक दृृश्‍य जहन में दौड़ने लगते हैं। पर्यटकों को बहुत शांत नजर आने वाले उत्‍तराखंड में एक जिला है ऊधम सिंह नगर।

इस जिले का नाम शहीद ऊधम सिंह के नाम पर रखा गया है। वही शहीद ऊधम सिंह जिन्‍होंने जलियांवाला बाग में हुए नरसंहार का बदला लेने के लिए 21 साल बाद यानि की 13 मार्च 1940 को सरदार उधम सिंह ने लंदन के कैक्सटोन हॉल में जाकर माइकल ओ डायर को गोली मार दी थी।

अब आते हैं जिला ऊधम सिंह नगर पर। यह जिला नैनीताल जिले से लगा है। जिला ऊधम सिंह नगर से जो बड़े शहर लगे हुए हैं वो हैं नैनीताल, हल्द्वानी। ऊधम सिंह नगर जिला अपराध के मामले में उत्‍तराखंड का सबसे गंभीर जिला माना जाता है। यहां बाकी 12 जिलों की तुलना में सबसे अधिक ज्‍यादा आपराधिक घटनाएं दर्ज होती हैं।

पिछले 6 सालों में हत्‍याओं की वारदात

आपराधिक घटनाओं के मामलों उत्‍तराखंड का जिला ऊधम सिंह नगर बाकी जिलों के मुकाबले काफी गंभीर है। अगर पिछले 6 सालों के रिकॉर्ड की बात करें तो ऊधम सिंह नगर में हत्‍याएं कभी कम तो कभी ज्‍यादा हुई हैं। साल 2017 में जिला ऊधम सिंह नगर में 39 हत्‍या के मुकदमे दर्ज हुए थे।

वहीं साल 2018 में यह ग्राफ बढ़ा और 39 की जगह 46 हत्‍याएं हुईं। इसके बाद साल 2019 में ऊधम सिंह नगर में 59 मुकदमे दर्ज हुए। वहीं साल 2020 में 48 तो 2021 में 34 हत्‍या के मामले दर्ज हुए। यानि साल दर साल हत्‍याओं का प्रत‍िशत बढ़ता रहा। हालांक‍ि साल 2021 में ही कुछ कम रहा।

मामूली बात पर जवाब मिलता है गोली से

ऊधम सिंह नगर में यह जितनी भी हत्‍याएं दर्ज हुई हैं। इससे एक बात तो तय है क‍ि इस जिले में अवैध हथियार लोगों के पास हैं। जब भी कोई विवाद होता है तो तांव में आकर गोली मार दी जाती है। आकंड़ों से पता चलता है क‍ि इस जिले में लड़ाई छोटी रही हो या बड़ी जवाब हमेशा गोली से मिलता है। जिले में अवैध हथियार रखने का चलन बढ़ा है। यही कारण है क‍ि हत्‍याओं के मुकदमे भी इसलिए इतनी ज्‍यादा संख्‍या में दर्ज किए गए हैं।

यूपी से लगा बॉर्डर सबसे बड़ी वजह

जिला ऊधम सिंह नगर का बॉर्डर यूपी से लगा हुआ है। जहां रुद्रपुर शहर का बॉर्डर रामपुर से लगा हुआ है तो वहीं सितारगंज और खटीमा शहर का बॉर्डर यूपी के बड़े जिले में गिना जाने वाला पीलीभीत से लगा हुआ है। ऐसे में ऊधम सिंह नगर में अपराधियों का प्रवेश करना आसान रहता है और उससे ज्‍यादा आसान घटना के बाद यहां से वापस भागना होता है। अपराधी यूपी से अवैध असलहा लाते हैं और यहां घटना को अंजाम देकर यूपी भाग जाते हैं।

नैनीताल जिला कितना शांत?

अगर बात नैनीताल जिले की करें तो नैनीताल जिला ऊधम सिंह नगर जिले के मुकाबले काफी शांत है। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2018 में नैनीताल जिले में 15 हत्‍या के मुकदमे दर्ज हुए। 2019 में यह आंकड़ा 26 हुआ तो 2020 में केवल 12 हत्‍या के मुकदमे दर्ज हुए थे। साल 2021 में 17 तो साल 2022 में 22 हत्‍या के मुकदमे दर्ज किए गए। जबकि ऊधम सिंह नगर के मुकाबले नैनीताल में हत्‍याओं का ग्राफ बिल्‍कुल नीचे हैं।

पुलिस अधिकारी हत्‍याओं की क्‍या मानते हैं वजह

इस मामले में नैनीताल के एसएसपी पंकज भट्ट बताते हैं क‍ि नैनीताल में अन्‍य जिलों के मुकाबले में क्राइम ग्राफ काफी कम है। पंकज भट्ट कहते हैं ”नैनीताल में जमीन या अन्‍य मामलों को लेकर झगड़े नहीं होते। यही वजह है क‍ि यहां हत्‍याएं कम होती हैं। पंकज भट्ट आगे कहते हैं कि नैनीताल में ज्‍यादातर जो हत्‍याओं के मुकदमे दर्ज होते हैं वो शराब के नशे में दर्ज होते हैं।

वह आगे कहते हैं क‍ि पहाड़ों पर लोग एक साथ मदिरा का सेवन करते हैं, इस बीच शराब के नशे में ही दो दोस्‍तों के बीच किसी बात को कहासुनी हो जाती है तो एक दोस्‍त दूसरे की हत्‍या कर देता है। यहां इस तरह की हत्‍याओं की घटनाएं काफी होती हैं। लेकिन इसके साथ ही पंकज भट्ट कहते हैं क‍ि वह सप्‍ताह में एक बार नैनीताल पुलिस के ऑफ‍िशियल पेज पर आकर लाइव करते हैं और लोगों की समस्‍याओं को फेसबुक लाइव के माध्‍यम से सुनते हैं। इसका असर यह हुआ कि लोग अपराध के खिलाफ जागरुक होने लगे।

नैनीताल जिले में किसी भी व्‍यक्‍त‍ि को कुछ अप्र‍िय घटना होती नजर आती है या उसे ऐसा कुछ होने की आशंका होती है तो वह नैनीताल पुलिस को टैग कर देता है। नैनीताल पुलिस उसका जवाब देती है। यही वजह है क‍ि पहले ही फेज में क्राइम को रिपोर्ट कर दिया जाता है। एसएसपी पंकज भट्ट का मानना है क‍ि तराई के जिले यूपी बॉर्डर से लगे होने के कारण अति संवेदनशील होते हैं। वहां इस वजह से अपराध भी ज्‍यादा होता है। 

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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