उत्तराखण्ड
स्कूलों में छात्र संख्या शून्य के बाद भी शिक्षक तैनात
उत्तराखंड के कई स्कूलों में जहां शिक्षकों का अभाव है वहीं कई स्कूलों में छात्र संख्या शून्य होने के बाद भी शिक्षक लंबे समय से तैनात हैं। यह तस्वीर गढ़वाल मंडल अपर निदेशक-माध्यमिक महावीर सिंह बिष्ट की ओर से जारी सूची से सामने आई है। जिसके बाद ऐसे शिक्षकों को चिन्हित कर दूसरे विद्यालय में समायोजित करने की योजना बनाई जा रही है।
दरअसल दून के राजकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल मलारी में काष्ठकला तथा पौड़ी के जीआईसी स्यूंसी में कृषि विज्ञान विषय में छात्र संख्या शून्य है लेकिन शिक्षक यहां लंबे समय से तैनाता है, लेकिन हैरानी आपको तब होगी जब पता चलेगी कि राज्य में केवल यहीं दो स्कूल ऐसे नहीं हैं। करीब सभी जिलों में यही हाल है जहां किसी विषय में छात्र संख्या शून्य होने के वाबजूद शिक्षक वहां तैनात हैं, जिससे यह शिक्षक दूसरे विषयों की पढ़ाई में सहायता कर रहे हैं और जिन स्कूलों में उन विषय के छात्र है ऐसे कई विद्यालय में शिक्षक ही नहीं है।
एलटी शिक्षक की बात करें तो पौड़ी जनपद में ऐसे शिक्षकों की भरमार है। पौड़ी गढ़वाल में रीना, रिंकी, सिद्धार्थ सिंह रावत, मुकुंद वल्लभ पांडे, अरविंद कुमार, श्याम सुंदर सिंह नेगी, अनूप सिंह रावत तैनात हैं तो टिहरी में ऋषिराम उनियाल, शालिनी ममगाईं, गुलजार अली, प्रवीण कुमार, राजीव गौतम वही राजधानी देहरादून में देहरादून रितेश चौहान, प्रमोद सेमवाल, उत्तरकाशी में ओमपाल सैनी, चमोली में निरंजन डिमरी, रुद्रप्रयाग में जितेंद्र कुमार सैनी तैनात है।
पौड़ी जनपद में ऐसे प्रवक्ताओं की संख्या भारी तादाद में है। जिले में कंचन लिंगवाल, शिव कुमार सिंह, अखिलेश कुमार, अंशु असवाल, अशोक कुमार काला, मनमोहन चौहान, ललित मोहन बहुगुणा, ललित मोहन ध्यानी, विनय मोहन डबराल, विनीता रावत, टिहरी गढ़वाल में राजेंद्र प्रसाद सिंघल, अरविंद कुमार, नेहा रावत, उतरकाशी में मनोज कुमार, देवेंद्र सजवाण, प्यारेलाल तथा रुद्रप्रयाग में अरविंद बेंजवाल तैनात हैं।