Connect with us

क्राइम

हैरत: 11 साल बाद खुला राज, सौतेले भाई ने की थी हत्या

खबर शेयर करें -

रुद्रपुर: यहां 11 साल बाद पुलिस ने युवक की हत्या का राज खोला है। यह सब संभव हुआ अदालत के आदेश के बाद जब पुलिस ने अदालत के आदेश पर दोबारा जांच की। जांच में पता चला कि सौतेले भाई ने ही 11 साल पहले युवक की हत्या की थी। आरोपी अब पुलिस को गिरफ्त में है।

एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि मूलत: बिहार के मधुबनी के विस्पी और रुद्रपुर में सुभाष कॉलोनी निवासी 32 वर्षीय भौनू साहनी 23 जुलाई 2011 को लापता हो गये थे। उनकी पत्नी कृष्णा देवी ने एक अगस्त 2011 को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसकी विवेचना उपनिरीक्षक पंकज जोशी को सौंपी गयी थी।

मामले में गहन छानबीन के बाद भी पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली, लिहाजा न्यायालय में अंतिम रिपोर्ट लगा दी गयी। लेकिन कृष्णा देवी इस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं थी। उन्होंने पति के सौतेले भाई छुटकन साहनी पर शक जताते हुये बताया था कि भौनू के लापता होने के बाद वह बिहार चला गया था।

कुछ समय बाद वह वहां से भी परिवार समेत कहीं और चला गया। अदालत ने मामले में पुलिस को दोबारा जांच के लिये कहा। इस पर एसपी, सीओ और कोतवाल को जांच के निर्देश दिये गये। एसएसपी ने बताया कि हाल में जिला पुलिस की ओर से लावारिस शवों की शिनाख्त के लिये ऑपरेशन शिनाख्त और तीन वर्षों से अधिक लंबित विवेचनाओं के निस्तारण के लिए विशेष अभियान चलाया गया है।

इस मामले में पुलिस टीम जब कृष्णा देवी से मिली तो साफ हुआ कि छुटकन उनके साथ ही रुद्रपुर में रहता था। छुटकन और भौनू का बिहार में पैतृक संपत्ति पर विवाद था। इसे लेकर दोनों में झगड़ा भी हुआ था। इसके बाद छुटकन अपने परिवार संग दूसरे मकान में रहने लगा था। एसएसपी के अनुसार छुटकन की तलाश शुरू हुई तो पता चला कि वह अधोईवाला देहरादून में परिवार के साथ रह रहा है।

देहरादून पहुंचकर छुटकन साहनी से पूछताछ की गयी तो उसने घटना की सही जानकारी नहीं दी वह पुलिस को गुमराह करने लगा। लेकिन एक दिन पहले वह रुद्रपुर आया तो पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की। इस दौरान उसने भौनू की हत्या की बात कबूल की। उसे गिरफ्तार कर लिया गया। अब मुकदमा नये सिरे से लिखा जा रहा है।

नाले में फेंका था शव, पुलिस ने किया था अंतिम संस्कार
एसएसपी के अनुसार छुटकन ने बताया कि 23 जुलाई 2011 की रात उसने रेलवे स्टेशन रोड पर भौनू साहनी से मारपीट की। भौनू के गिरते ही उसने पत्थर से उसके सिर पर वार किये। भौनू की मौत होने पर छुटकन ने शव कट्टे में डाला और रिक्शे में ले जाकर रोडवेज स्टेशन से आगे नाले में फेंक दिया था।

26 जुलाई 2011 को पुलिस को भौनू का शव बरामद हुआ था, लेकिन तब तक परिजनों के गुमशुदगी दर्ज नहीं कराने के कारण शिनाख्त नहीं की जा सकी थी। निर्धारित अवधि तक शव रखने के बाद पुलिस ने ही अंतिम संस्कार करवाया था।

हुलिये और कपड़ों के आधार पर पहचान
एसएसपी ने बताया कि रोडवेज स्टेशन के पास नाले में जो शव मिला था, उसका हुलिया और कपड़ों की जानकारी रिकॉर्ड में दर्ज थी। भौनू की पत्नी और आरोपी छुटकन ने पूछताछ में जो हुलिया और घटना के दिन पहने कपड़े बताये, उनके मेल खाने से ही तय किया गया कि उक्त शव भौनू का था।

डीआईजी ने 20 हजार और एसएसपी ने 15 हजार की घोषणा की
11 साल बाद इस सनसनीखेज मामले का खुलासा करने पर डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने पुलिस टीम को बीस हजार और एसएसपी ने 15 हजार का इनाम देने की घोषणा की है।

Continue Reading

संपादक - कस्तूरी न्यूज़

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in क्राइम

Advertisiment

Recent Posts

Facebook

Trending Posts

You cannot copy content of this page