राजनीति
…तो कांग्रेस में अब बगावत पक्की
किसी भी सीट पर टिकट वापसी नहीं को बोले हरीश
हल्द्वानी। कांग्रेस में पहले चरण के टिकटों की घोषणा होने के बाद जिन सीटों पर प्रत्याशियों का विरोध हो रहा था वहां अब पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ बगावत लगभग पक्की दिख रही है। ऐसा कांग्रेस नेता हरीश रावत के उस बयान के बाद लग रहा है जिसमें उन्होंने साफ कहा है कि कांग्रेस में बंटे टिकटों की वापसी नहीं होगी, और बाकी बची ११ सीटों पर टिकटों की घोषणा गुरुवार को कर दी जाएगी। कुमाऊं के लिहाज से अब लालकुआं, कालाढूंगी और खुद हरीश रावत के रामनगर की सीट पर बगावत तय दिख रही है।
बता दें कि बुधवार देर शाम को हरीश रावत ने कह दिया कि कांग्रेस में टिकट हाईकमान की मर्जी से बंटे हैं। लिहाजा टिकट वापसी का कोई सवाल ही नहीं है। कांग्रेस प्रदेश में १६ सीटों पर कमजोर है, तो इनमें से चार सीटों की वह जिम्मेदारी लेते हैं। बाकी सीटों की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष, प्रीतम सिंह समेत अन्य नेताओं की है। अब कुमाऊं की बात करें तो सबसे पहले खुद हरीश रावत जिस रामनगर सीट से चुनाव लडऩे की घोषणा कर चुके हैं वहां से उनके पुराने शिष्य रणजीत रावत ने चुनाव लडऩे का मन बनाया था। वहां उन्होंने निर्दलीय चुनाव लडऩे के भी संकेत दिए हैं। चूंकि अब तक कांग्रेस में टिकटों के बदले जाने की संभावना जताई जा रही थी, मगर अब ऐसा नहीं है। लिहाजा रामनगर के साथ ही लालकुआं और कालाढूंगी सीट पर भी कांग्रेस में बगावत के पूरे आसार हैं। लालकुआं में हरीश चंद्र दुर्गापाल बड़ी पंचायत कर चुके हैं। उनके अलावा इसी सीट पर हरेंद्र बोरा ने भी बागी तेवर दिखाए हैं। कालाढूंगी सीट पर महेश शर्मा की भी पंचायत हो चुकी है।

