राष्ट्रीय
तो मैं तिरंगे को सलामी नहीं दूंगा: महात्मा गांधी
आज गणतंत्र दिवस है तो गणतंत्र से जुड़ी तमाम रोचक जानकारियां भी हैं। ऐसी ही एक रोचक जानकारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और तिरंगे से भी जुड़ी है। देश की आजादी में महात्मा गांधी का समर्पण और तिरंग से उनके लगाव के बारे में भला कौन नहीं जानता। लेकिन क्या कभी ऐसा भी हुआ जब बापू ने तिरंगे को सलामी देने से ही इनकार कर दिया हो। जी हां, ऐसा ही हुआ था एक बार जब बापू ने कहा मैं तिरंगे को सलामी नहीं दूंगा। दरअसल लाहौर में उस दिन तिरंगा फहराया जाना था, मगर तिरंगे में से चरखा हटाए जाने को लेकर चर्चा चल रही थी। बापू का चरखा आजादी का प्रतीक था, तो उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सामने अपनी नाराजगी जताई थी और कहा था-मैं भारत के ध्वज में चरखा हटाए जाने को स्वीकार नहीं करूंगा। अगर ऐसा हुआ तो मैं ध्वज को सलामी देने से मना कर दूंगा।