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अलीगढ़ में छह दिन के अभियान को अतिक्रमण का ठेंगा
शहर के प्रमुख मार्गों व चौराहों को अतिक्रमण व जाम मुक्त करने के लिए चलाया जा रहा अतिक्रमण अभियान कारगर साबित नहीं हो पा रहा है। पिछले छह दिन के अभियान के बाद शनिवार को शहर में वही हालात नजर आए जो अतिक्रमण हटाओ अभियान पहले से थे। नालों पर अतिक्रमण के साथ फुटपाथों पर दुकानें सजीं हुईं थीं। शनिवार को जागरण टीम ने शहर का जायजा लिया तो अतिक्रमण अभियान का खास असर नजर नहीं आया।
वहीं हालात
दुबे का पड़ाव सब्जी मंडी में निगम ने अभियान चलाया था । वहां हालात अब जस के तस हैं। रेलवे रोड पर अब्दुल करीम चौराहे से लेकर मालगोदाम तक बड़े शोरूम वालों ने फुटपाथ तक दुकानों के सामान रखे हुए थे। तांगा स्टैंड पर भी पहले की तरह चाट की ढकेल वालों ने दुकान लगा रखीं थी। इसके बराबर में रेडीमेड कपड़े बेचने वाले भी बैठे हुए थे। इसी प्रकार मामू भांजा से लेकर पत्थर बाजार होते हुए बारहद्वारी तक बड़े और छोटे दुकानदारों ने फुटपाथ तक सामान लगा रखा था। ग्राहकों की बाइक रोड पर खड़ीं थीं। घंटाघर से श्मशाद मार्केट और यहां से लेकर जमालपुर फ्लाईओवर पर पहले की तरह लोगों ने ढकेल और पक्की दुकानों के आगे सामान लगा रखा था। रामघाट रो़ड पर महाजन होटल से लेकर क्वार्सी चौराहे तक नर्सिंग होम, इलेक्ट्रोनिक शो रूम, मिठाई की दुकानों और अन्य के द्वारा फुटपाथ तक अतिक्रमण दिखाई दे रहा था।
दो दिन नहीं चलेगा अभियान
नगर निगम ने छह मई से 31 मई तक अभियान चलाने का निर्णय लिया है। छह और सात मई को अभियान चलने के बाद आठ मई को साप्ताहिक अवकाश के कारण बुलडोजर नगर निगम के परिसर से नहीं निकल सका। उसके बाद 10 लेकर 13 मई तक लगातार चला। पहले दिन यह अभियान मालगोदाम से अब्दुल करीम चौराहे तक चला। रविवार को साप्ताहिक अवकाश व सोमवार को बुद्ध पूर्णिमा के अवकाश के कारण अभियान नहीं चलेगा।
बोले लोग
अतिक्रमण हटाओ अभियान में कार्रवाई करते हुए पक्षपात नहीं होना चाहिए। दुकानदारों को भी चाहिए कि वे अभियान में सहयोग कर शहर में जाम की समस्या का स्थायी समाधान करें।
प्रदीप कुमार, दुबे का पड़ाव
अतिक्रमण हटाने के लिए एक या दिन अभियान नहीं बल्कि लगातार चलना चाहिए। दुकानदारों का सामान जब्त करने के बाद उन्हें आसानी से वापस भी कर देना चाहिए ताकि उन्हें नुकसान न हो। दुकानदार भी अभियान में साथ दें।
ऋषिपाल, रेलवे रोड
शहर में प्रमुख मार्गों पर चौराहों पर अतिक्रमण है। अभियान चलाने के बाद भी कोई राहत नहीं है। रामघाट रोड की स्थिति अधिक खराब है। यहां पर वाहनों के साथ अधिक लोगों की आवाजाही होती है।
आरपी सिंह, किशनपुर