राष्ट्रीय
पुतिन को दी जेलेंस्की से सीधे बातचीत करने की सलाह, बाइडन के साथ वर्चुअल बैठक में बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ एक बैठक की। वर्चुअल माध्यम से हुई यह बैठक ऐसे समय हुई जब रूस और यूक्रेन के बीच भीषण लड़ाई चल रही है। यही नहीं समूचा वर्ल्ड आर्डर बदलाव की ओर अग्रसर है जिसके चलते कूटनीतिक पहलकदमियों की अहमियत बढ़ गई है। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक बैठक के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि यूक्रेन के लोग जो भीषण हमले का शिकार हो रहे हैं उनके लिए भारत की ओर से पहुंचाई गई मानवीय सहायता का मैं स्वागत करता हूं।
वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दुनिया के दो सबसे बड़े और पुराने लोकतंत्रों के रूप में हम नैसर्गिक पार्टनर हैं। बीते कुछ वर्षों में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय रिश्तों में जो प्रगति हुई है… जो नया संवेग बना है एक दशक पहले उसकी कल्पना करना मुश्किल था। पिछले साल सिंतबर में जब मैं अमेरिका आया था तब बाइडन ने कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच की दोस्ती ढेर सारी वैश्विक समस्याओं का समाधान खोजने में मददगार हो सकती है। मैं बाइडन की इस बात से पूरी तरह सहमत हूं…
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बातचीत में बूचा में हुई निर्दोष नागरिकों की हत्याओं का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि हाल ही में बूचा शहर में निर्दोष नागरिकों की हत्याओं की दुखदाई खबर सामने आई जो बेहद चिंताजनक थी। भारत सरकार ने इसकी निंदा की और इस घटना की निष्पक्ष छानबीन की मांग उठाई। PM मोदी ने यह भी कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी वार्ता को सार्थक नतीजे निकलेंगे जिससे शांति स्थापित होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन संकट पर भारत सरकार की ओर से की गई पहलकदमियों का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा- ‘मैंने यूक्रेन और रूस दोनों के राष्ट्रपतियों से कई बार इस मसले पर टेलीफोन पर बातचीत की। मैंने दोनों पक्षों से ना केवल शांति की अपील की वरन राष्ट्रपति पुतिन को सीधे यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ सीधी वार्ता का सुझाव भी दिया। यही नहीं हाल ही में भारत की संसद में भी यूक्रेन के मसले पर बहुत विस्तार से सभी दलों की ओर से चर्चा की गई है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- हमने यूक्रेन में नागरिकों की सुरक्षा और मानवीय सहायता की निर्बाध आपूर्ति पर भी जोर दिया है। हमने अपनी तरफ से दवाइयां एवं अन्य राहत सामग्री यूक्रेन और उनके पड़ोसी देशों को भेजी है। यूक्रेन की मांग पर हम जल्द ही दवाओं की एक और खेप भेज रहे हैं। भारत और अमेरिका के रिश्तों की सफलता लोकतंत्र को मजबूत करने का सबसे उत्तम जरिया है।
पीएम मोदी ने कहा- भारत इस साल अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। यही नहीं यह वर्ष कूटनीतिक रिश्तों की 75वीं सालगिरह का भी है। मुझे यकीन है कि भारत और अमेरिका की मित्रता अगले 25 वर्षों के दौरान विकास की यात्रा में अभूतपूर्व योगदान देगी।
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से मिलने में हमेशा खुशी होती है। भारत के दो मंत्री और राजदूत यहां मौजूद हैं। भारत और अमेरिका कोविड महामारी, स्वास्थ्य क्षेत्र में चुनौतियों जैसे गंभीर वैश्विक मसलों पर मिलकर काम कर रहे हैं। भारत रक्षा क्षेत्र में अमेरिका का एक मजबूत साझेदार भी है। प्रधानमंत्री मोदी के साथ यह मुलाकात भारत और अमेरिका के बीच टू प्लस टू की मंत्रीस्तरीय बातचीत को दिशा देने में भी बेहद महत्वपूर्ण है। इस बैठक के लिए भी मैं पीएम मोदी का अभिनंदन कर रहा हूं।
यह बैठक दोनों देशों के बीच ‘टू प्लस टू’ की मंत्रिस्तरीय वार्ता के बीच हुई है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वाशिंगटन में मौजूद हैं। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी का कहना है कि जो बाइडन प्रधानमंत्री मोदी से रूसी आक्रमण के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की गुजारिश करेंगे। यानी जाहिर है इस बैठक में यूक्रेन युद्ध का मसला भी उठ सकता है। सनद रहे कि रूस और अमेरिका दोनों ही भारत को अपने पाले में करने की लगातार कोशिशें कर रहे हैं।
इस बीच समाचार एजेंसी एएनआइ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पांच साल की लगातार कोशिशों के बाद भारत और अमेरिका स्पेस सिचुएशनल अवेयरनेस (SSA) मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) पर हस्ताक्षर करेंगे। यदि यह समझौता होता है तो यह दोनों देशों के बीच एक बड़ी डील होगी। इसके तहत खतरे की स्थिति में दोनों देश उपग्रहों और अन्य संपत्तियों पर आंकड़ों का आदान प्रदान करेंगे।साभार न्यू मीडिया।

