अजब-गजब
एक विवाह ऐसा भी: अस्पताल पहुंची बारात, वार्ड में हुए सात फेरे; डाक्टर बने गवाह
वैवाहिक कार्यक्रम तो आपने बहुत देखे होंगे, पर ऐसा दृश्य आपने कभी नहीं देखा होगा। अस्पताल परिसर में मंडप सजा था। सामान्य तौर पर शांत परिसर वाले अस्पताल में बैंड-बाजे बज रहे थे। मंत्रोपचार के बीच वर-वधु ने वार्ड में ही फेरे लिए।
विवाह के पहले खराब हुई तबीयत
दरअसल, विवाह के कुछ दिन पहले लड़की की तबीयत खराब हो गई। डॉक्टर ने तुरंत इलाज न कराने पर जान को खतरा बताया। ऐसे में लड़की को अस्पताल में भर्ती कराया गया। चूंकि तारीख आ गई थी, इसलिए दोनों पक्षों ने विवाह समारोह स्थगित न करने का निर्णय लिया। अंतत: दोनों पक्षों की सहमति से बारात धूमधाम से अस्पताल पहुंची। यहां पूरे विधि-विधान के साथ इनका विवाह संपन्न कराया गया।
बड़ी आंत में छेद के चलते अस्पताल में कराया गया भर्ती
जिले के बैजलपुर गांव की रहने वाली रश्मि उर्फ लक्ष्मी पिता अगरदास महंत, माता मुन्नी बाई का विवाह, सक्ती जिले के परसाडीह निवासी राज उर्फ बंटी पिता सुकालू दास, माता कौशिल्या देवी के साथ तय हुआ था। निमंत्रण पत्र बांटे जा चुके थे। विवाह के लिए दूर-दूर से इनके संबंधी भी आ चुके थे। इसी बीच रश्मि के पेट में पीड़ा होने पर जब उसका टेस्ट कराया गया, तब पता चला कि उसकी बड़ी आंत में छेद है। डॉक्टर ने तुंरत इलाज कराने को कहा।
20 अप्रैल को हुआ विवाह
जब वर पक्ष को इस बात की जानकारी मिली, तब उन्होंने लक्ष्मी के उपचार को महत्व दिया। दोनों पक्षों ने यह भी निर्णय लिया कि विवाह की तिथि टाली नहीं जाएगी। पांच दिनों पूर्व कन्या का आपरेशन हुआ और अब वह स्वस्थ है। इस बीच तय तिथि 20 अप्रैल को बारात अस्पताल पहुंची। यहां धार्मिक परंपराओं के साथ इनका विवाह हुआ।
अस्पताल स्टाफ बना अनोखे विवाह का साक्षी
अस्पताल स्टाफ भी इस अनोखे विवाह का साक्षी बना। कन्या के पिता ने बताया कि जो पैसा विवाह के लिए जमा किया था, वह उपचार में खर्च हो गए, मगर वर पक्ष ने पूरा सहयोग दिया।