उत्तराखण्ड
मुस्लिम यूनिवर्सिटी फिर हरीश रावत के पीछे, कांग्रेस फिर असहज, साजिश क्या, यहां पढ़ें
देहरादून। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुस्लिम विश्वविद्यालय बनाने संबंधी बयानों के बाद कल कांग्रेस से निष्कासित अकील अहमद ने कांग्रेस के बङे नेताओं पर ही निशाना साधा है। पत्रकारों से बातचीत में अकील अहमद ने कहा कि
कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव, वरिष्ठ नेता मोहन प्रकाश, राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत को मेरा मांगपत्र मालूम था। इसमें मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना भी शामिल है। कहा कि सभी के संज्ञान में मेरा दस बिंदुओ का मांग पत्र था। जिसमें मुस्लिम यूनिवर्सिटी भी एक मुद्दा भी शामिल था। इसके बाद भी मुझे संगठन से बाहर करने का कारण समझ में नहीं आया। मुझे क्यों संगठन से बाहर किया गया। कहा कि हरीश रावत बार बार मेरे ऊपर आरोप लगा रहे हैं। यह कार्रवाई सभी नेताओं पर होनी चाहिए।
अकील अहमद ने कहा कि मैं पार्टी का निष्ठावान कार्यकर्ता हूं। मेरे ऊपर सारा ठीकरा फोड़ा गया। सवाल किया कि हरीश रावत बताए कि 2016 में मुझे क्यों उपाध्यक्ष बनाया और राज्यमंत्री का दर्जा क्यों दिया। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भी शर्मनाक बयान दिया। कहा कि कांग्रेस ने अपनी कमियों को छुपाने के लिए मुझे बनाया उपाध्यक्ष बनाया। मैने अध्यक्ष का लेटर हेड चोरी करने के बाद खुद को उपाध्यक्ष नहीं बनाया। कहा कि कांग्रेस के वर्तमान में
कांग्रेस के एक प्रत्याशी ने 2017 में पीसीसी अध्यक्ष को हराने का काम किया था। कांग्रेस संगठन में गुटबाजी हावी है।
प्रीतम सिंह, हरीश रावत के लोग चापलूसी करते है। उन्ही के टिकट की पैरवी होती है। मेरे उपर मुस्लिम होने के चलते कार्यवाही हो रही है। रणजीत रावत ने पैसे लेने का बयान दिया। रणजीत रावत पर कार्यवाही होनी चाहिए। कहा कि वह 2024 लोकसभा का चुनाव हरिद्वार सीट से लड़ेंगे। मुस्लिमों को केवल वोट बैंक समझकर प्रयोग होता है। इस मामले को लेकर कांग्रेस
हाईकमान से मुलाकात करुंगा। अहमद

