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Ukraine Russia Crisis: यूक्रेन में फंसे जींद के छात्र की दर्द, पल-पल सुनाई दे रही धमाके, राशन भी खत्म
जींद। यूक्रेन के हालात अब किसी से छिपे नहीं हैं। रह-रहकर हो रही बमबारी का दौर जारी है, ऐसे में भारतीय छात्रों की मुसीबतें भी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। वतन वापसी के प्रयास तो हो रहे हैं, मगर इस कार्य में भी अभी तमाम चुनौतियां बरकरार हैं। जींद जिले के भी तकरीबन 60 से 70 छात्र यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में मौजूद हैं। इनमें से अधिकांश वहां मेडिकल की पढ़ाई के लिए गए हुए हैं। छात्रों का कहना है कि दूसरे देशों के जरिए निकलने का प्रयास कर रहे हैं, मगर सड़कों पर चल रही लड़ाई के कारण संभव नहीं हो पा रहा है।
पल-पल सुनाई दे रही धमाकों की आवाज
यूक्रेन के खारकीव में पढ़ाई कर रहे जींद के छात्र गौरव सिवाच की शनिवार सुबह स्वजनों से बातचीत हुई है। गौरव का कहना है कि उनके हास्टल में यूं तो किसी तरह की अभी तक कोेई परेशानी नहीं है, मगर पल-पल बमों के धमाके सुनाई जरूर दे जाते हैं। रात को साेते समय भी हल्की सी आहट से आंखें खुल जाती हैं। सुरक्षा को लेकर यहां हर कोई चिंतित है।
राशन की होने लगी किल्लत
गौरव के अनुसार युद्ध शुरू होने के दौरान ही उन्होंने और उनके साथियों ने हास्टल में ही तकरीबन दस दिनों का राशन एकत्रित कर लिया था, जो अब खत्म होने की कगार पर पहुंच चुका है। मैस में भी पीने के पानी की दिक्कतें बढ़ने लगी हैं। यही हाल रहा तो आने वाले समय में परेशानियां और अधिक बढ़ेंगी। हालांकि अभी तक यहां के अधिकारी सहयोग कर रहे हैं।
सायरन सुनते ही लग रही बेसमेंट की दौड़
गौरव ने अपने पिता अजीत को बताया है कि अधिकारियों ने गाइडलाइन जारी की है, जिसका पालन करना पड़ रहा है। जैसे ही किसी सायरन की आवाज सुनाई देती है तो तत्काल दौड़कर बेसमेंट में पहुंचकर छिपना पड़ता है। रोज दिन में तकरीबन चार से पांच बार ऐसा होना अब आम बात हो चुकी है। वतन वापसी के सवाल पर गौरव ने बताया कि अभी पोलैंड के रास्ते से छात्रों को निकाला जा रहा है, संभतया इसके बाद उनकी भी बारी आएगी।