उत्तराखण्ड
Jamrani Dam : आगे बड़ी विस्थापितों के पुनर्वास की फाइल, बसाने की कवायद शुरू
हल्द्वानी : प्रस्तावित जमरानी बांध (Jamrani Dam) के विस्थापितों के पुनर्वास को लेकर तीन महकमों की स्वीकृति के बाद मामला कैबिनेट में पहुंचेगा। वन विभाग व राजस्व के बाद मामला वित्त में पहुंचेगा। इन सभी चरणों को पार करने के बाद पुनर्वास पर मुहर लगेगी। जमरानी परियोजना से जुड़े अधिकारी इसकी तैयारियों में भी जुटे हैं। मास्टर प्लान को प्रस्ताव में शामिल किया जाएगा।
जमरानी बांध के निर्माण को लेकर 400 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। जिसमें 350 हेक्टेयर वनभूमि और 50 हेक्टेयर निजी भूमि शामिल है। वन विभाग के बाद ग्रामीणों से जमीन ट्रांसफर को लेकर पूर्व में सहमति मिल चुकी है। इसके अलावा जमरानी से हल्द्वानी तक पानी पहुंचाने को लाई जाने वाली पाइपलाइन भी कई जगहों से वनभूमि क्षेत्र से आएगी।
पूर्व मंजूरी के बावजूद पुनर्वास को लेकर मामला फाइनल होने से पहले वन विभाग से एक बार और स्वीकृति लेनी पड़ेगी। जमरानी परियोजना के जीएम प्रशांत बिश्नोई ने बताया कि विस्थापन को चिन्हित जमीन राजस्व विभाग की होने की वजह से फाइल वहां भी पहुंचेगी। इसके बाद वित्त से इसके लिए बजट मुहैया होगा। इन तीन महकमों की प्रक्रिया पूरी होने पर मामला अंतिम मुहर को कैबिनेट में लाया जाएगा।
226 परिवारों के लिए 320 एकड़ की जरूरत
किच्छा के प्राग फार्म में जमरानी क्षेत्र के 226 परिवारों को बसाया जाना है। जिसके लिए 320 एकड़ जमीन की जरूरत है। प्राग में जमीन की उपलब्धता है। ग्रामीणों के सुझावों को शामिल कर मास्टर प्लान तैयार हो रहा है। हर परिवार को एक एकड़ जमीन और 200 वर्ग मीटर आवासीय प्लाट मिलना है। स्कूल, अस्पताल, खेल मैदान समेत अन्य सुविधाएं भी प्लान का हिस्सा है।
साभार न्यू मीडिया

