Connect with us

उत्तराखण्ड

अवैध निर्माण और टाइगर सफारी के लिए अवैध कटान का मामला, कार्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक को कारण बताओ नोटिस

खबर शेयर करें -

देहरादून: कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) के अंतर्गत कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग में अवैध निर्माण और पाखरो में टाइगर सफारी के लिए पेड़ों के अवैध कटान के बहुचर्चित प्रकरण में अब शासन ने सीटीआर के निदेशक राहुल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्हें जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। साथ ही ऐसा न करने पर अखिल भारतीय सेवाएं आचरण नियमावली के अंतर्गत अनुशासनिक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग के अंतर्गत पाखरो में टाइगर सफारी के निर्माण के लिए स्वीकृति से अधिक पेड़ काट दिए गए थे। साथ ही क्षेत्र में सड़क, मोरघट्टी व पाखरो वन विश्राम गृह परिसर में भवन के अलावा जलाशय का निर्माण कराया गया था। इन कार्यों के लिए वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति नहीं ली गई थी।

इस मामले के सुर्खियां बनने के बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की टीम ने स्थलीय जांच में शिकायतें सही पाते हुए दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की। इसके बाद विभाग में हड़कंप तो मचा, लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल रेंज अधिकारी को हटाया गया।

प्रकरण के तूल पकडऩे पर शासन ने पिछले वर्ष 27 नवंबर को तत्कालीन मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग से यह जिम्मेदारी वापस ले ली थी। साथ ही कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग के डीएफओ किशन चंद को विभाग प्रमुख कार्यालय से संबद्ध कर दिया था।

यद्यपि, इस मामले में कार्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक के विरुद्ध कोई कार्रवाई न होने से प्रश्न भी उठ रहे थे। इस पर विभाग प्रमुख की ओर से इस वर्ष जनवरी के आखिर में नोटिस अवश्य भेजा गया।

बाद में विभाग प्रमुख ने पूरे प्रकरण की जांच के लिए पांच सदस्यीय दल गठित किया। दल ने कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग में हुए कार्यों और टाइगर सफारी के लिए पेड़ कटान में गंभीर प्रशासनिक, वित्तीय व आपराधिक अनियमितता परिलक्षित होने की पुष्टि की। अब अपर मुख्य सचिव वन आनंद बद्र्धन ने सीटीआर के निदेशक को कारण बताओ नोटिस भेजा है।

इसमें जांच समिति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए निदेशक को स्वीकृतियों के लिए तय शर्तों का अनुपालन कराने और सीटीआर के टाइगर कंजर्वेशन प्लान के मध्यावधि मूल्यांकन को एनटीसीए को प्रस्ताव भेजने संबंधी कार्यों में लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।

शासन के नोटिस के क्रम में अपर प्रमुख वन संरक्षक प्रशासन ने भी सीटीआर के निदेशक को पत्र भेजकर नोटिस प्राप्त होने की सूचना से अवगत कराने को कहा है।

Continue Reading

संपादक - कस्तूरी न्यूज़

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखण्ड

Advertisiment

Recent Posts

Facebook

Trending Posts

You cannot copy content of this page