अंतरराष्ट्रीय
खाद्यान्न संकट से जूझ रहे अफगानिस्तान को भारत ने गेहूं की पहली खेप पहुंचाई, संयुक्त राष्ट्र ने कहा- हालात बेहद खराब
खाद्यान्न संकट से जूझ रहे अफगानिस्तान को भारत सरकार ने मानवीयता के आधार पर गेहूं की पहली खेप पहुंचाई है। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक 2500 मीट्रिक टन गेहूं की खेप का पहला काफिला शनिवार को सुबह जलालाबाद पहुंचा। गेहूं की यह पहली खेप पाकिस्तान से होते हुए अफगानिस्तान पहुंची है। बुधवार को आईसीपी अटारी से 50 ट्रक पाकिस्तान से होते हुए अफगानिस्तान के लिए रवाना किए गए थे।
भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने इन्हें हरी झंडी दिखाई थी। इस मौके पर अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुन्दजई भी मौजूद थे। अन्न के संकट से जूझ रहे अफगानिस्तान को भारत मानवीयता के आधार पर 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं भेज रहा है। पहली खेप जो पाकिस्तान से होते हुए अफगानिस्तान पहुंची है।
विदेश सचिव श्रृंगला ने कहा था कि पहली खेप में 10 हजार मीट्रिक टन गेहूं भेजा गया है। भारत ने यूएन वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के तहत एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। चूंकि गेहूं भेजने के लिए पाकिस्तान के रास्ते का प्रयोग किया जाना था लिहाजा यूएन ने पाकिस्तान को इसकी अनुमति देने को कहा था। पाकिस्तान से हरी झंडी मिलने के बाद सोमवार को अफगानिस्तान से 41 ट्रक अटारी-वाघा सीमा पर आए थे।
इस बीच संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने शुक्रवार को कहा कि अफगानिस्तान में हालात खराब हैं। 2.4 करोड़ से अधिक अफगान लोगों को तुरंत मानवीय सहायता की दरकार है। संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठनों के आठ वरिष्ठ आपातकालीन विशेषज्ञों के एक समूह ने भी अफगानिस्तान को जीवन रक्षक मानवीय सहायता पहुंचाने की अपील की है। 2.4 करोड़ से अधिक लोगों को तत्काल जीवन रक्षक सहायता की जरूरत है।