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दिल्ली

भारत द्वारा गेहूं निर्यात पर पाबंदी का ग्लोबल मार्केट पर नहीं पड़ेगा असर, बोले पीयूष गोयल

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दिल्ली. गेहूं निर्यात पर भारत द्वारा लगाई गई पाबंदी से अंतरराष्ट्रीय बाजार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि वैश्विक व्यापार में भारतीय गेहूं निर्यात की हिस्सेदारी 1 फीसदी से भी कम है. केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यह दावा किया है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के सम्मेलन में हिस्सा लेने दावोस गए गोयल ने सीएनबीसी-टीवी18 के पैनल डिस्कशन में यह बात कही.

देश में गेहूं उत्पादन अनुमान से कम रहने और घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतों में उछाल को देखते हुए केंद्र सरकार ने इसी महीने इसके निर्यात पर पाबंदी लगाने का फैसला किया था. निर्यात पर पाबंदी से चिंतित देशों ने सरकार से यह फैसला वापस लेने का अनुरोध किया है.

निर्यात में हिस्सेदारी बहुत कम
सीएनबीसी-टीवी18 के पैनल डिस्कशन का एक वीडियो अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर करते हुए पीयूष गोयल ने कहा है, “विश्व व्यापार में भारतीय गेहूं निर्यात की हिस्सेदारी 1 फीसदी से भी कम है और हमारे एक्सपोर्ट रेगुलेशन का प्रभाव ग्लोबल मार्केट पर नहीं पड़ना चाहिए. कमजोर और जरूरतमंत देशों को निर्यात की अनुमति देना हमने जारी रखा है.”

घरेलू कीमतों में तेजी से लगी पाबंदी
गेहूं निर्यात में भारत का स्थान वर्ष 2020 में 19वां रहा था. जबकि 2019 में यह 35वें नंबर पर था. इस लिहाज से देखें तो ग्लोबल मार्केट में भारतीय गेहूं निर्यात की हिस्सेदारी बहुत कम (0.47 फीसदी) रही है. रूस, अमेरिका, कनाडा, फ्रांस और यूक्रेन इस बाजार के बड़े हिस्सेदार हैं. रूस-यूक्रेन संकट की वजह से इन दोनों देशों से निर्यात घटकर एक चौथाई के करीब रह गया है. इस वजह से ग्लोबल मार्केट में कीमतों में उछाल आया है. भारत ने इस मौके का फायदा उठाने और किसानों को गेहूं की अच्छी कीमत दिलाने के लिए निर्यात बढ़ाने का फैसला किया था. इसी कदम के तहत गेहूं की सरकारी खरीद भी पहले की तुलना में कम करने का फैसला किया गया था, क्योंकि किसानों को निजी कंपनियों से एमएसपी की तुलना में ज्यादा कीमत मिल रही है.

पहले अनुमान जताया गया था कि देश में गेहूं का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में ज्यादा रहेगा, लेकिन देश के उत्तरी हिस्से में समय से पहले गर्मी पड़ने की वजह से गेहूं का दाना सूख गया और उत्पादन में गिरावट आई है. इस वजह से घरेलू कीमतों में तेजी दर्ज की जाने लगी तो सरकार को निर्यात पर पाबंदी का फैसला लेना पड़ा.

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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