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उत्तराखण्ड

उत्तराखंड में बाघ से भी ज्यादा खतरनाक गुलदार, घरों के आंगन में आकर बच्चों का कर रहे हैं शिकार 

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उत्तराखंड में बाघ और हाथी से ज्यादा गुलदार खतरनाक साबित हो रहे हैं। घरों के आंगन में धमक कर गुलदार बच्चों को निवाला बना रहे हैं। इससे पहाड़ के ऐसे गांवों में लोगों में दहशत है। पहाड़ में ऐसा दिन कभी मुश्किल बीतता हो, जब जंगली जानवरों के लोगों पर हमले न हुए हो।

गुलदार, बाघ, हाथी, भालू और सुअरों के बढ़ते हमलों को लेकर लोगों में गुस्सा भी पनप रहा है। पिछले साल जंगली जानवरों की वजह से 59 लोगों को जान गंवानी पड़ी, जबकि 225 घायल हुए। इनमें सबसे ज्यादा खतरनाक गुलदार साबित हो रहे हैं। इस अवधि में नरभक्षी गुलदार 22 लोगों को निवाला बना चुके हैं।

वहीं, 60 व्यक्ति इनके चंगुल से बामुश्किल बच पाए। इस वर्ष अब तक गुलदार सात लोगों को मार चुके हैं। गढ़वाल और पिथौरागढ़ डिवीजन से सबसे ज्यादा दहशत लोगों में गुलदारों की वजह है। गुलदार इतने खूंखार होते जा रहे हैं कि वे घर के आंगन से ही बच्चों को उठा ले जा रहे हैं। विभागीय अफसर भी इस घटनाओं पर अंकुश नहीं लगा पा रहे हैं।

पिछले दिनों वन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने भी इस पर कड़क तेवर दिखाए थे और गुलदार के बच्चों को निवाला बनाने पर डीएफओ और रेंजर को जिम्मेदार ठहराने के निर्देश दिए थे। लेकिन विभाग स्तर से अभी इस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया है।

उधर, विभागीय मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि आदमखोर गुलदारों का आंतक खत्म करने के लिए विभागीय अफसरों को उन्हें ट्रेंकुलाइजर करने के निर्देश दिए हैं। यदि किसी वजह से इसमें सफलता नहीं मिलती तो ऐसे गुलदारों को आदमघोर घोषित करने को कहा गया है।

जंगली जानवरों के हमलों से ऐसे बचें
-घरों के चारों तरफ झा़ड़ियां न पनपने दें
-शाम के वक्त आंगन में रोशनी जलाकर रखें
-स्कूल जाते समय -बच्चों को किसी वयस्क व्यक्ति के साथ भेजें
-बच्चों को घर के बाहर शौचालय में रात के समय अकेले न भेजें
–खेतों में काम करने के लिए समूह में ही जाएं
-जंगलों को आग से बचाएं

अखोड़ी गांव में गुलदार ने सात साल के बच्चे को मार डाला
घनसाली। 
भिलंगना रेंज के अखोड़ी गांव में शनिवार देर शाम गुलदार सात वर्षीय बच्चे को आंगन से उठाकर ले गया। बच्चे का क्षत विक्षत शरीर देर रात्रि को घर से महज 50 मीटर की दूरी पर झाड़ियों में मिला। घटना से जहां परिवार में कोहराम मचा हुआ है वहीं, पूरा गांव सदमे में है।

ग्रामीणों की मांग के बाद प्रशासन ने गुलदार को मारने के लिए शिकारी की तैनाती कर दी है। इसके बाद भी ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है। जानकारी के अनुसार शनिवार को गांव मे एकदिवसीय शादी थी। गांव के सभी लोग शाम करीब सात बजे बारात को विदा होने के बाद अपने घरों को लौट गए। गांव के सोहन सिंह रावत का इकलौता बेटा नवीन भी घर लौट रहा था।

घर के नजदीक ही घात लगाकर बैठे गुलदार ने उस पर हमला कर दिया। देखते ही देखते गुलदार नवीन को घसीटते हुए दूर झाड़ियों में लेकर चला गया। गुलदार के हमले की भनक किसी को नहीं लग पाई। काफी देर तक जब नवीन घर नहीं लौटा तो परिजनों ने अनहोनी की आशंका जताते हुए छानबीन शुरू कर दी।

देर रात नवीन का क्षतविक्षत शव गांव के पास झाड़ियों में मिला। गांव के पूर्व प्रधान सरोप सिंह रावत ने इसकी सूचना वन विभाग व प्रशासन को दी। रविवार को प्रशासन की टीम के पहुंचने के बाद नवीन का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। इस दौरान सुरक्षा को लेकर ग्रामीणों ने प्रशासन पर कई आरोप भी लगाए।

द्वाराहाट के ईड़ा में गुलदार के हमले से युवक घायल
द्वाराहाट। 
विकासखंड के दूरस्थ ग्राम सभा ईड़ा में गुलदार ने एक व्यक्ति पर झपट्टा मारकर घायल कर दिया। ईड़ा गांव के बिरोली तोक निवासी ललित आर्य (27) पुत्र नंदराम बीते शनिवार की शाम छह बजे बारखाम जालली से अपने घर को जा रहे था। रास्ते में घात लगाए गुलदार ने हमला कर हाथ एवं जांग में नाखून लगा कर घायल कर दिया।

हल्ला मचाने पर किसी तरह ललित ने अपनी जान बचाई। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने घायल युवक को जालली में एक निजी अस्पताल में इलाज कराया। ग्राम प्रधान मनोज रावत ने बताया कि जंगलों में आग लगने से जंगली जानवरों का खतरा बढ़ गया है। वन विभाग के आला अधिकारियों को घटना की जानकारी दे दी गई है।

घायल को मेडिकल इलाज के लिए परिजनों के साथ रानीखेत भेजा गया है। इधर वन विभाग के वन रेंज अधिकारी मदन लाल ने बताया कि सूचना के बाद क्षेत्र में निरीक्षण किया गया है। क्षेत्र वन कर्मियों की गेस्त को बढ़ा दिया गया है।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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