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इस वित्त वर्ष में LIC के IPO की आने की संभावना कम, जानिए क्या है बड़ी वजह

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लाइफ इंश्योरेंस कॉर्प (LIC) के IPO को अगले वित्तीय वर्ष में लाया जा सकता है। दरअसल, मौजूदा समय में रूस-यूक्रेन के बीच चल रही जंग को देखते हुए बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। ऐसे में मार्च 2022 में लॉन्च होने वाले LIC के IPO को अगले वित्त वर्ष के लिए टाला जा सकता है। हालांकि, इस पर एलआईसी से जवाब मांगा गया, लेकिन खबर लिखने तक कोई जवाब नहीं मिला। गौरतलब है कि रूस यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध पर सरकार की नजर है, और इसलिए सरकार एलआईसी आईपीओ के साथ आगे बढ़ने के लिए स्थिति का आकलन करना चाहती है। रूस-यूक्रेन युद्ध नौवें दिन भी जारी है।

गौरतलब है कि LIC में सरकार की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी या 632.49 करोड़ से अधिक शेयर हैं। शेयरों का अंकित मूल्य 10 रुपये प्रति शेयर है। एलआईसी पब्लिक इश्यू भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में सबसे बड़ा आईपीओ होगा। एक बार लिस्टेड होने के बाद एलआईसी का बाजार मूल्यांकन आरआईएल और टीसीएस जैसी शीर्ष कंपनियों के बराबर होगा। अब तक, 2021 में पेटीएम के आईपीओ से जुटाई गई राशि 18,300 करोड़ रुपये में सबसे बड़ी थी, इसके बाद कोल इंडिया (2010) लगभग 15,500 करोड़ रुपये और रिलायंस पावर (2008) 11,700 करोड़ रुपये थी।

मालूम हो कि सरकार चालू वित्त वर्ष में 78,000 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने के लिए जीवन बीमा फर्म में 5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 63,000 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद कर रही थी। यदि आईपीओ को अगले वित्त वर्ष के लिए टाल दिया गया, तो सरकार संशोधित विनिवेश लक्ष्य से भारी अंतर से चूक जाएगी।

वहीं, इस वित्त वर्ष में अब तक सरकार सीपीएसई के विनिवेश और एयर इंडिया की रणनीतिक बिक्री के जरिए 12,030 करोड़ रुपये जुटा चुकी है। सरकार ने पहले 2021-22 के दौरान विनिवेश से 1.75 लाख रुपये जुटाने का अनुमान लगाया था।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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