अंतरराष्ट्रीय
मानवाधिकार कमिश्नर का दावा- बूचा में 25 लड़कियों का बंधक बनाकर हुआ था रेप, अब कई प्रेग्नेंट
कीव. रूस और यूक्रेन के बीच जंग (Russia-Ukraine War) को 50 दिन होने को हैं. आज जंग का 48वां दिन है. इस लड़ाई में यूक्रेन के कई शहर खाक हो चुके हैं. बूचा, मारियुपोल और ल्वीव में जबर्दस्त तबाही मची है. बूचा में नरसंहार की तस्वीरें सामने आने के बाद अब यूक्रेनी संसद की मानवाधिकार कमिश्नर ने बड़ा दावा किया है.
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेनी संसद की मानवाधिकार कमिश्नर लुडमिला डेनिसोवा ने कहा, ‘बूचा में रूसी सैनिकों ने महिलाओं व युवतियों से दुष्कर्म किया था. करीब 25 युवतियों को बेसमेंट में बंधक बनाकर रखा गया था. रोज इनके साथ दुष्कर्म हुआ. इनमें से ज्यादातर लड़कियों की उम्र 14 से 24 साल के बीच है. बंधक बनाई गई युवतियों में अब ज्यादातर गर्भवती हैं.’
डेनिसोवा ने अपने फेसबुक पेज पर कम से कम दो नाबालिगों, एक 14 वर्षीय लड़की और एक 11 वर्षीय लड़के के मामले को सूचीबद्ध करते हुए एक पोस्ट शेयर की. डेनिसोवा ने यूरोप में सुरक्षा और सहयोग संगठन (ओएससीई) और संयुक्त राष्ट्र से इन तथ्यों की जांच करने का आग्रह किया है.
यूक्रेनी सांसद ने कहा, “पृथ्वी पर या नरक में कोई जगह नहीं है जहां ये नस्लवादी अपराधी बदला लेने से छिप सकते हैं,” यूक्रेनी सांसद ने कहा, ‘बलात्कार 1949 के जिनेवा कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल ह्यूमैनिटेरियन लॉ के तहत “सख्ती से प्रतिबंधित” है.’
इधर, यूक्रेन की उप प्रधानमंत्री ने दावा किया है कि 500 से ज्यादा यूक्रेनी महिलाओं को भी रूसी सेना ने कैदी बनाया है. उनके साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा है, उन्हें बैठने की अनुमति नहीं है. इसके अलावा उनके बाल भी कटवा दिए गए हैं.
लोगों की जान जा रही है और हमें हथियार नहीं मिल रहे- जेलेंस्की
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने एक बार फिर पश्चिम देशों पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि हमें हर तरह के हथियारों की जरूरत है. यहां लोगों की जान जा रही है और पश्चिमी देश हथियारों की सप्लाई करने में देरी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें हथियार मिलेंगे तो हम मारियुपोल को बचा सकेंगे.
बेलारूस से पूर्वी यूक्रेन में तैनात होगी रूसी सेना
दूसरी ओर, कीव खाली करने के बाद रूसी सेना पूर्वी यूक्रेन में अपने सैन्य अभियान को केंद्रित कर रही है. इस बीच ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि बेलारूस से रूसी सेना को हटाकर पूर्वी यूक्रेन में तैनात करने की तैयारी की जा रही है, जिससे यूक्रेन में चल रहे सैन्य अभियान को गति मिल सके.