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झमाझम बारिश की आफत: नैनीताल जिले में रिकॉर्ड बारिश, 24 घंटे में 200mm बरसात से जनजीवन अस्त-व्यस्त
मूसलाधार बारिश से नैनीताल में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बीते 24 घंटों में नैनीताल में 200 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जगह-जगह मलबा आने से जिले में 21 सड़कें बंद हैं जिन्हें खोलने का काम जारी है। नैनीताल को जोड़ने वाले तीनों मार्गों पर भी रुक-रुककर पत्थर और मलबा गिरने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
नैनीताल-हल्द्वानी मार्ग पर हनुमानगढ़ी के पास पूरे दिन मलबा और पत्थर गिरते रहे। वहीं नैनीताल-कालाढूंगी रोड पर मंगोली के पास पेड़ गिरने से यातायात बाधित रहा। इधर नैनीताल-भवाली मार्ग पर पाइंस के पास पत्थर गिरते रहे। लोनिवि के सहायक अभियंता जीएस जनौटी ने बताया कि क्षेत्र के मुख्य मार्गों में जेसीबी लगाई गई हैं। बारिश से झील का जलस्तर चार फीट से बढ़कर पांच फीट आठ इंच पहुंच गया है।
इधर पेड़ गिरने से मेहरागांव पाइंस की 33 किलोवाट की लाइन रेहड़-भवाली के जंगल में टूट गई है। विभाग ने तल्लीताल क्षेत्र को सूखाताल से जोड़ने का प्रयास किया लेकिन ठंडी सड़क पर 33 और 11 किलोवाट की लाइन में पेड़ गिरने से बिजली की लाइन टूट गई है। वहीं शहर के मेविला कंपाउंड में पेड़ गिरने से लाइन क्षतिग्रस्त हो गई जिसके चलते तल्लीताल और आसपास के क्षेत्र में शनिवार की रात से बिजली आपूर्ति ठप है। एसडीओ प्रियंक पांडे ने बताया कि सभी जगहों पर टीम लाइनों की मरम्मत में जुटी हुई है।
बोल्डर गिरने से देवीधुरा-बसानी मार्ग बंद
नैनीताल-बसानी मार्ग भारी बरसात के चलते कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया है। कई स्थानों में बोल्डर गिरने से मार्ग वाहनों के लिए बंद हो चुका है। बारिश के दौरान सड़क में मलबा व पत्थर गिरने का खतरा बना हुआ है। इसके चलते स्थानीय लाेगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पीएमजीएसवाई के अधिशासी अभियंता मनोज कुमार ने बताया कि मलबे को हटाने के लिए दो जेसीबी तैनात की गई हैं।
चार्टन लॉज में भूस्खलन का खतरा बरकरार
चार्टन लॉज क्षेत्र में भूस्खलन की रोकथाम के लिए प्रशासन की ओर से तिरपाल लगा दी गई है लेकिन अब भी क्षेत्र में भूस्खलन का खतरा बरकरार है। तिरपाल से ढकने के बाद भी मलबा गिर रहा है जिससे स्थानीय लोगों में भय का माहौल है। वहीं अनहोनी की आशंका के मद्देनजर एसडीआरएफ तत्पर है।बीते शनिवार को भूस्खलन के चलते लगाई गई अस्थायी दीवार टूट गई है। दीवार टूटने और मलबा गिरने से ऊपर स्थित 20 से ज्यादा भवन एक बार फिर खतरे की जद में आ गए हैं। प्रभावित लोग प्रशासन से जल्द से जल्द स्थायी उपचार की मांग कर रहे हैं। एसडीएम प्रमोद कुमार ने बताया कि क्षेत्र को फिलहाल पानी से बचाने के लिए तिरपाल डाली गई है। साथ ही क्षेत्र में टीम लगातार नजर रखे हुए है। बारिश रुकने के बाद ही सुरक्षा के अन्य उपाय किए जाएंगे।
इधर मल्लीताल राजमहल कंपाउंड क्षेत्र में बीते दिवस बारिश के दौरान एक सुरक्षा दीवार टूट गई थी जिससे नीचे बने भवन को खतरा हो गया था। रविवार को जिला प्रशासन की टीम ने क्षेत्र का निरीक्षण किया। एसडीएम प्रमोद कुमार ने बताया कि भवन स्वामी को जल्द से जल्द दीवार का निर्माण कर नीचे के भवन को सुरक्षित करने के निर्देश दिए गए हैं।