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इंटरनेट पर कुछ भी शेयर करने से पहले हजार बार सोच लें, बिहार में अफसर नप गया; दूसरा मामला भी कम नहीं
पटना : इंटरनेट मीडिया पर खूब सक्रिय रहने वाले लोगों के लिए ये दोनों ही खबरें सावधान करने वाली हैं। खासकर वैसे लोगों के लिए जो वाट्सएप ग्रुपों में खूब सक्रिय रहते हैं। देखते ही किसी भी वीडियो, लिंक या टेक्स्ट को बिना कुछ सोचे-समझे शेयर करना शुरू कर देते हैं। ऐसी गलती आपको खूब भारी पड़ सकती है। यह जानकर आपकी आंखें खुल सकती हैं कि बिहार में ऐसी गलती के लिए एक बड़े प्रशासनिक अफसर को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं एक और घटना में वाट्सएप ग्रुप के एडमिन के साथ ही आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
बिहार प्रशासनिक सेवा संघ (बासा) ने निर्वाचन विभाग के उप सचिव आलोक कुमार की गिरफ्तारी पर आपत्ति जताई है। बासा के अध्यक्ष शशांक शेखर सिन्हा और महासचिव सुनील तिवारी ने निंदा की है। कहा है कि प्रतिदिन सैकड़ों मैसेज इंटरनेट मीडिया पर भेजे जाते हैं। आपत्तिजनक हजारों वीडियो वाट्सएप पर देखे और अपलोड किए जाते हैं, लेकिन पुलिस संज्ञान नहीं लेती है।
आंदोलन की तैयारी में जुटा बासा
बासा ने पूरे प्रकरण में रविवार को राज्य कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। इस दौरान गिरफ्तारी को लेकर विरोध और आगे की रणनीति बासा के अधिकारी तय करेंगे। बासा का कहना है कि आलोक ने गलती का अहसास होते ही मैसेज को डिलीट भी कर दिया था। वह हृदय रोगी भी हैैं। आलोक ने अग्रसारित वीडियो बासा अधिकारियों के ग्रुप में साझा किया था। बासा की मांग है कि वीडियो बनाने वाले को पुलिस गिरफ्तार करे।
निर्वाचन विभाग के उप-सचिव गिरफ्तार
आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने बिहार में निर्वाचन विभाग के उप-सचिव आलोक कुमार को गिरफ्तार किया है। वह बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। उनपर आरोप है कि वाट्सएप ग्रुप में सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने वाला संदेश प्रसारित किया था। इसकी शिकायत किसी अफसर ने ही ईओयू को की थी।
वाट्सएप ग्रुप एडमिन समेत आठ गिरफ्तार
इधर, नवादा जिले से एक वाट्सएप ग्रुप के एडमिन सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस ग्रुप में नवादा के रजौली थाना को बम से उड़ाने की चर्चा हो रही थी। अग्निपथ स्कीम के विरोध में उपद्रव की साजिश रची जा रही थी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया था। इस ग्रुप का चैट वायरल होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की।