राजनीति
घमासान: रणजीत-हरीश फिर आमने-सामने
कस्तूरी न्यूज, हल्द्वानी
उत्तराखंड की राजनीति में गुरु-चेला फिर आमने-सामने हैं। चेले ने फिर दहाड़ दिखाई है तो मामला अब यहां रोचक होता लग रहा है। सरकार तो बनेगी १० मार्च को मगर कांग्रेसी यह मानकर चल रहे हैं कि सरकार उनकी ही बन रही है। इसी आत्मविश्वास की बदौलत कांग्रेस में हरीश रावत के एक बयान के बाद घमासान मच गया है। दरअसल हरीश रावत ने दो दिन पहले बयान दिया कि कांग्रेस की सरकार आने की सूरत में वह सीएम होंगे, नहीं तो वह घर बैठेंगे। यानि सीधे तौर पर उन्होंने कह दिया था कि मुख्यमंत्री वही बनेंगे। अब गुरुजी ने यह बात कही तो उनके पुराने शिष्य बहुत बुरे उखड़े। एक बयान में उन्होंने हरीश रावत के सीएम बनने की बात को अपनी बातों से ऐसे उड़ाया….यदि होता किन्नर नरेश मैं राजमहल में रहता, सोने का सिंहासन होता, सिर पर मुकुट चमकता…। अपनी बात को इतना कहने के बाद उन्होंने इतना नहीं कहा कि… नरेश मैं कैसे होता। मगर कांग्रेस के सीएम बनने की बात पर कहा कि कांग्रेस में मुख्यमंत्री बनने एक प्रक्रिया है, विधानमंडल दल की बैठक होती है। फिर हाईकमान इसके लिए अधिकृत है कि विधानमंडल दल का नेता कौन होगा? जो हाईकमान अधिकृत करती है, वही नेता होता है, लिहाजा अभी से सीएम बनने का सवाल कहां। रणजीत रावत के इस बयान के बाद यह बात साफ हो गई है कि राजनीति के इस युद्ध में गुरु-चेला आमने-सामने हैं।

