उत्तराखण्ड
गुरुजी पढिय़े अच्छी खबर: कागजी कामकाज के झंझट से मुक्त होंगे प्रधानाध्यापक, इंचार्ज
हल्द्वानी। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के साथ प्रधानाध्यापक, प्रधानाचार्य का एक काम है कागजी कामकाज जिसके बोझ तले वह इतना दब गए हैं कि पढ़ाई के लिए समय निकालना भी मुश्किल हो गया है। किताबों का लेखा-जोखा, सर्व शिक्षा अभियान का मसला, मध्याह्न भोजन का हिसाब-किताब, भोजन माता का हिसाब, स्कूल में आए दिन होने वाले आयोजनों के खर्च का हिसाब-किताब समेत तमाम ऐसे विषय हैं जिनके कागज गुरुजी को हर वक्त मैंटेन करने पढ़ते हैं। प्रदेश में सरकार की कोशिश अब प्रधानाध्यापकों को कम से कम कागजी कामकाज देने की है ताकि पढ़ाई का काम प्रभावित न हो। इसके लिए सरकार अब सारा सिस्टम आनलाइन करने जा रही है ताकि एक सेंट्रल व्यवस्था के तहत सारी चीजों का लेखा जोखा अपडेट हो सके। स्कूलों में पढ़ाई अच्छी हो और वहां परिणाम अच्छा रहे इसके लिए भी कोशिश की जा रही है।
प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मंगलवार को यहां कस्तूरी न्यूज से विशेष बातचीत में बताया कि प्राइमरी से लेकर इंटर तक की शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए सरकार पूरी कोशिश कर रही है। संज्ञान में आया कि कागजी कामकाज बहुत है, लिहाजा तय किया गया है कि इस पर कंट्रोल करने के लिए एक ऐसी व्यवस्था बनाई जाए जिससे कागजी कामकाज कम हो सके। उन्होंने बताया कि इस पर होमवर्क करने के लिए सरकार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की से संपर्क कर उसे यह काम सौंपने की तैयारी में है। बहरहाल, अगर ऐसा होता है तो प्रदेश के स्कूलों में प्रधानाध्यपकों को कागजी कामकाज से मुक्ति मिलेगी ऐसा तय है।