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सरकार ने लगाई पाबंदी, आब-ए-ज़मज़म नहीं ला सकेंगे हाजी

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हज यात्री अब अपने साथ पाक आबे ज़मज़म का पानी नही ले सकेंगे। सऊदी अरब सरकार ने इस बारे में बुधवार को नोटिफिकेशन जारी किया। नोटिफिकेशन में यह नहीं बताया गया है कि इस पवित्र जल को लाने पर रोक क्यों लगाई गई है। नोटिफिकेशन के अनुसार एयरलाइन कंपनियों से कहा गया है कि वो आब-ए-जमजम पर बैन के फैसले का सख्ती से पालन कराएं।

क्या है आब-ए-जमजम?
इस्लाम धर्म में आब-ए-जमजम का खास महत्व है। आब-ए-जमजम का चश्मा यानी कुआं अल्लाह की कुदरत माना जाता है। मक्का की पवित्र मस्जिद अल-हरम से करीब 66 फीट दूरी पर एक कुआं है, इसे ही जमजम कहा जाता है। इस्लाम में जमजम का चश्मा यानी कुआं हर मुसलमान के लिए अल्लाह का तोहफा माना जाता है। मुस्लिम इसे सबसे पवित्र जल मानते हैं। कहा जाता है कि यह कुआं करीब चार हजार साल पुराना है। उमरा और हज करने वाले यात्री इस जल को साथ ले जाते हैं। वतन लौटकर ये लोग इसे अपने रिश्तेदारों में भी बांटते हैं। इसे पवित्र तोहफा भी माना जाता है। पहले हर हज यात्री को 10 लीटर आब-ए-जमजम लाने की इजाजत थी लेकिन बाद में सऊदी सरकार ने इसे घटाकर 5 लीटर कर दिया। अब इसके लाने पर ही रोक लगा दी गई है।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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