उत्तराखण्ड
एक्सक्लूसिव: बॉन्ड भरने की एमबीबीएस छात्रों की बाध्यता होगी खत्म, सरकार के स्तर से निर्णय जल्द
हल्द्वानी। प्रदेश में एमबीबीएस करने के बाद यहां के राजकीय चिकित्सालय में अनिवार्य सेवा देने के लिए बॉन्ड भरे जाने का नियम जल्द ही खत्म होता है। सरकारी चिकित्सक बिना किसी तनाव के सेवा दे सकें इसलिए ऐसा किया जा रहा है। जल्द ही सरकार इस पर अंतिम निर्णय ले सकती है। दरअसल यहां के राजकीय मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस करने के बाद राज्य के सरकारी अस्पतालों में सेवा के लिए बॉन्ड का नियम काफी सख्त है। इसके तहत मेडिकल कालेजों में बॉन्ड से एमबीबीएस करने वाले छात्रों को पहले 1 साल मेडिकल कालेजों में सेवा देनी होती है। उसके बाद 2 साल तक दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों के प्राथमिक शिक्षा केंद्रों पर सेवा के बाद 2 वर्ष तक जिला चिकित्सालय य दुर्गम के चिकित्सालयों में सेवा की अनिवार्यता है। यह एक तरह से एमबीबीएस करने वाले चिकित्सकों के लिए बहुत बड़ी बाध्यता थी जिस कारण वह तनाव मुक्त सेवा नहीं दे पा रहे थे। सरकार का मानना है कि अब चिकित्सकों की कमी नहीं है लिहाजा बॉन्ड की बाध्यता को समाप्त किया जा सकता है।
इस बारे में जब स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत से बात की गई तो उनका कहना था कि सरकार बॉन्ड व्यवस्था खत्म करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। जल्द ही इस विषय पर अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा।