उत्तराखण्ड
निलंबित चल रहे सहायक अध्यापक की सेवा समाप्त
पौड़ी: मंडलीय अपर शिक्षा निदेशालय माध्यमिक शिक्षा पौड़ी ने विकासखंड कालसी के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कामला के निलंबित सहायक अध्यापक खिलेश लाल की सेवा समाप्त कर दी है। जांच में शिक्षक की बीएड की अंकतालिका व प्रमाण पत्र गलत पाए गए। इसके बाद मंडलीय अपर शिक्षा निदेशक महावीर सिंह बिष्ट ने शिक्षक की सेवा समाप्ति के आदेश जारी कर दिए हैं।
अपर शिक्षा निदेशालय से मिली जानकारी के मुताबिक अगस्त 2006 को खिलेश लाल ने रुद्रप्रयाग जनपद के राजकीय प्राथमिक विद्यालय जखवाड़ी में सहायक अध्यापक के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था। बाद में स्थानांतरण पर मार्च 2008 में उन्होंने रुद्रप्रयाग जनपद के जीआइसी मणिगृह में कार्यभार संभाला। नियुक्ति के समय खिलेश लाल ने जो शैक्षिक प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए गए। उनमें बीएड 2000 का अंकपत्र व प्रमाण पत्र चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ का होना पाया गया। बाद में बीएड के प्रमाण पत्रों की वस्तुस्थिति जानने के लिए प्रमाण पत्रों को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ को भेजा। इस पर विश्वविद्यालय ने बताया कि बीएड 2000 में इस नाम से कोई अंकतालिका जारी नहीं की गई है। इस बीच मंडलीय अपर शिक्षा निदेशालय ने शिक्षक को अपना पक्ष रखने का मौका दिया। वे उपस्थित हुए और वांछित अभिलेख, साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए एक माह की अवधि दिए जाने का अनुरोध किया। बताया गया कि निर्धारत समय में भी वे बीएड अंक पत्र व प्रमाण पत्र के सही होने की पुष्टि नहीं कर पाए। इस पर नवंबर 2021 में अपर शिक्षा निदेशक महावीर सिंह बिष्ट ने शिक्षक को निलंबित कर दिया। अपर शिक्षा निदेशक महावीर सिंह बिष्ट ने बताया कि एसआइटी व विभागीय जांच के बाद निलंबित शिक्षक बीते अप्रैल माह में सुनवाई के लिए मंडलीय कार्यालय में उपस्थित हुए, लेकिन वे अपना साक्ष्य नहीं दे पाए। उन्होंने बताया कि बीएड का अंकपत्र व प्रमाण पत्र गलत पाए जाने पर विकासखंड कालसी के राउमावि कामला के निलंबित चल रहे सहायक अध्यापक खिलेश लाल की सेवा समाप्त कर दी गई है।