उत्तराखण्ड
केदारनाथ में हेलीकाप्टर की खतरनाक लैंडिंग, सतह से टकराकर उछला और 270 डिग्री तक घूमा; देखें वीडियो
देहरादून: नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने केदारनाथ हेलीपैड पर एक निजी हेली कंपनी के हेलीकाप्टर की हार्ड लैंडिंग का संज्ञान लिया है। डीजीसीए ने मामले की जांच करने के साथ ही हेली सेवाओं का संचालन करने वाले सभी आपरेटर के लिए मानक प्रचालन कार्यविधि (डीजीसीए) जारी की है। इसका अनुपालन न करने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई है।
हेलीकाप्टर ने अनियंत्रित होकर की हार्ड लैंडिंग
केदारनाथ धाम में 31 मई को थंपी हेली एविएशन के हेलीकाप्टर ने तेज हवा व धुंध के बीच अनियंत्रित होकर हार्ड लैंडिंग की थी यानी हेलीकाप्टर झटके के साथ उतरा था। बताया गया कि हेलीपैड में हेलीकाप्टर अनियंत्रित होकर जैसे ही नीचे उतरने लगा वैसे ही वह सतह से टकराकर उछला और 270 डिग्री तक घूमने के बाद फिर हेलीपैड पर उतरा। इसमें कोई घायल नहीं हुआ।
नागर विमानन महानिदेशालय ने इसकी जांच की शुरू
यात्रियों को उतार कर यह हेलीकाप्टर फिर वापस बेस के लिए उड़ गया। हेलीपैड पर मौजूद किसी व्यक्ति ने इसका वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर डाला और यह बहुत तेजी से वायरल हुआ। इसका संज्ञान लेते हुए नागर विमानन महानिदेशालय ने इसकी जांच शुरू कर दी है।
डीजीसीए ने जारी की एडवाइजरी
इसके साथ ही एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि सभी पायलट को केदारनाथ में तेज हवाओं को देखते हुए सभी आवश्यक सावधानी लेनी चाहिए। अगर यहां बहुत तेज हवा चल रही है और ये निर्धारित मानक से अधिक चल रहीं हैं तो ऐसी स्थिति में हेलीकाप्टर का न उतारते हुए वापस बेस पर ले जाना चाहिए।
यह भी कहा गया है कि तापमान और आर्द्रता बढ़ने की स्थिति में हेलीकाप्टर की भार वहन क्षमता कम हो जाती है। इसे देखते हुए ही हेलीकाप्टर की भार वहन क्षमता का पुन: परीक्षण किया जाए। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि कुशल व अनुभवी पायलट ही हेली संचालन के लिए रखे जाएं। हेली कंपनियों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि पायलट को उचित आराम मिले। स्वास्थ्य ठीक न होने के कोई भी लक्षण मिलने पर आवश्यक कार्रवाई की जाए।
उत्तराखंड के सचिव नागरिक उड्डयन दिलीप जावलकर ने कहा कि नागर विमानन महानिदेशालय द्वारा जारी एसओपी का अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है। विभाग हेली सेवा पर लगातार नजर रखे हुए है।