हल्द्वानी
लापरवाही: बुखार, सर्दी के बाद निजी क्लीनिक की दवा खाई, तबियत गंभीर होने पर बच्चों को भर्ती किया sth, एक की मौत
लालकुआं/ हल्द्वानी : डा. सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) में भर्ती दो साल के बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई। अस्पताल में भर्ती एक बच्चे की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है, जबकि दो बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार आया है। चारों बच्चों को तीन दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां शुक्रवार रात एक बच्चे की मौत हो गई।
हल्द्वानी के बिंदुखत्ता और मोतीनगर क्षेत्र के तीन परिवारों ने चार बच्चों को स्वजनों ने स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद एसटीएस में भर्ती कराया था। स्वजनों ने बच्चों में बुखार, जुकाम, खांसी जैसी शिकायत होने के बाद किसी निजी क्लीनिक में दिखाने के बाद बच्चों को दवा दिलाने की बात डाक्टरों को बताई है। जिसके बाद बच्चों का स्वास्थ्य अधिक बिगड़ गया। तब स्वजन बच्चों को एसटीएच लेकर पहुंचे। बेहोशी होने, सांस लेने में तकलीफ जैसी गंभीर लक्षण होने पर चारों बच्चों को एसटीएच के बाल रोग विभाग में वेंटिलेटर पर रखा गया था।
डाक्टरों के तमाम प्रयासों के बाद भी बिंदुखत्ता निवासी दो साल के दक्ष की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। अपने लाडले को खोने से पिता विनोद नैनवाल, मां कमला नैनवाल का रो-रोकर बुरा हाल है। बाल रोग विभागाध्यक्ष डा. ऋतु रखोलिया ने बताया कि बच्चे को बार बार बेहोशी के दौरे पड़ रहे थे। उसे निमोनिया की शिकायत थी। अभी अस्पताल में आठ माह से दो वर्ष तक के तीन बच्चे भर्ती हैं। डाक्टरों की टीम बच्चों पर नजर बनाए हुए है।
दवा की पर्ची नहीं दिखाई
मां-बाप ने अपने बच्चों को कहां दिखाया और उन्हें क्या दवा दी, फिलहाल इसकी जानकारी डाक्टरों को नहीं दी गई है। एसटीएच में बाल रोग विभागाध्यक्ष डा ऋतु रखोलिया ने बताया कि खांसी, जुकाम की दवा से बच्चे इतनी गंभीर अवस्था में नहीं जा सकते। बच्चों के स्वजनों ने फिलहाल दवा का कोई पर्चा उन्हें नहीं दिखाया है। सीएमओ नैनीताल डा. भागीरथी जोशी ने बताया कि किसी दवा से बच्चों की तबियत बिगड़ी है तो यह गंभीर बात है। मामले को दिखवाया जाएगा। लापरवाही सामने आने पर संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई होगी।

