उत्तराखण्ड
सहकारी बैंक भर्ती घोटाला: तीन अफसरों ने क्यों नहीं पकड़ी धांधली?
देहरादून जिला सहकारी बैंक (को-ऑपरेटिव बैंक) में हुई चतुर्थ श्रेणी (सुरक्षा गार्ड) भर्ती में सीनियर अधिकारियों से भी चूक हुई है। जांच में सामने आया है कि भर्ती की मॉनीटरिंग के लिए मुख्यालय से तीन वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन वह भर्ती के रिजल्ट में गड़बड़ी नहीं पकड़ पाए।
सवाल यह खड़ा हो रहा है कि अधिकारियों से चूक हुई है या फिर इन गलतियों को नजरअंदाज किया गया। दरअसल, भर्ती प्रक्रिया के बाद रिजल्ट जारी करने से पहले सहकारिता विभाग की ओर से तीन वरिष्ठ अधिकारियों को यह जिम्मेदारी देते हुए मॉनीटरिंग करने के लिए कहा गया था। इन अधिकारियों की जिम्मेदारी थी कि भर्ती में हुई खामियों को पकड़ा जा सके।
पहले ही भर्ती विवादों में थी, जिस कारण मॉनीटरिंग के लिए टीम बनाई गई। देहरादून में 60 अभ्यर्थियों का रिजल्ट जारी कर दिया गया और इनमें से 57 की ज्वाइनिंग भी करा दी गई। ज्वाइनिंग के बाद भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी सामने आई। इसे लेकर अब नए-नए खुलासे हो रहे हैं। मामले की जांच चल रही है। प्रारंभिक जांच में बड़ी खामियां मिल रही हैं।
आरोप है कि कॉ-ओपरेटिव बैंक भर्ती में रिश्तेदारों और चहेतों का चयन किया गया। सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर इन तीन अधिकारियों ने रिजल्ट में हुई खामियों क्यों नहीं पकड़ा या फिर नजरअंदाज किया गया। जांच टीम में शामिल गढ़वाल उपनिबंधक मान सिंह सैनी ने कहा कि सभी पहलुओं पर जांच जारी है। जिस स्तर पर भी खामी है, उसे रिपोर्ट में शामिल किया जा रहा है।
भर्ती घोटाले की हो उच्च स्तरीय जांच: जोशी
प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव महेश जोशी ने सहकारिता विभाग में हुई भर्ती में घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि जीरो टॉलरेंस की सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। इनका सरकारी तंत्र पर कोई नियंत्रण नहीं है सरकार की नाक के नीचे भ्रष्टाचार पनप रहा है। उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग में भर्ती घोटाले से ये साबित होता है कि अफसरशाही की मिली भगत से अपने लोगों को फायदा पहुंचाने को ये भर्तियां की गई।
अभी तक नहीं दी सीसीटीवी फुटेज
ज्वाइनिंग देने के बाद जांच टीम की ओर से बैंकों की सीसीटीवी फुटेज तलब की थी, लेकिन अभी तक फुटेज उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। देहरादून डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक की सीसीटीवी फुटेज तलब की गई थी। फुटेज इसलिए तलब की गई हैं, ताकि यह साफ हो जाए कि कागज में लिखी ज्वाइनिंग के दिन चयनित अभ्यर्थी ने ज्वाइनिंग ली है या नहीं। साभार न्यू मीडिया ।

