उत्तराखण्ड
चिपको आंदोलन को राज्यस्तर पर मनाने की मांग
उत्तरकाशी : हिमालय पर्यावरण जड़ी-बूटी एग्रो संस्थान जाड़ी की ओर से ग्राम सिरौर में चिपको आंदोलन की 48वीं वर्षगांठ पर गंगा वाहिनी व बेटी संगठन के साथ कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में महिलाओं को चिपको आंदोलन व उससे जुड़े आंदोलनकारियों के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही महिलाओं ने गांव में स्वच्छता अभियान चलाया और कूड़े का निस्तारण कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया।
बीज बम अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा कि चिपको जैसे आंदोलन उत्तराखंड के सिर पर मुकुट के समान हैं। हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारे पूर्वजों ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी संवेदनशीलता दिखाते हुए पूरी दुनिया को बता दिया था कि हम अपनी जान दे सकते हैं, पर जंगल नहीं कटने देंगे, जिसकी बदौलत पर्यावरण संरक्षण का मुद्दा पूरी दुनिया ने प्रमुखता से स्वीकारा, लेकिन हैरत की बात है कि इतने बड़े आंदोलन को अपने देश व राज्य में सरकारी स्तर पर भुला दिया गया। उन्होंने मांग की कि चिपको की वर्षगांठ को सरकारी स्तर पर चिपको दिवस के रूप में मनाया जाए। इस अवसर पर मंजू देवी, बबिता, आराधना, सुमन, कुशुम पंवार, शैलेंद्री, नेहा, अंकिता, रिया, इंद्र भूषण, नरेश बिज्लवाण, कृष्णा बहुगुणा, राजमणी, राखी राणा ने भाग लिया।
चिपको पर आधारित नाटक प्रस्तुत किया
उत्तरकाशी : चिपको आंदोलन की 48वीं वर्षगांठ पर राजकीय प्राथमिक विद्यालय नौगांव (केलसू) में शिक्षक एवं बीज बम अभियान से जुड़े कृष्णा बहुगुणा के नेतृत्व में कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं ने चिपको आंदोलन पर एक नाटक भी प्रस्तुत किया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने चिपको आंदोलन से जुड़े गौरा देवी, सुंदर लाल बहुगुणा और चंडी प्रसाद भट्ट के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही छात्र-छात्राओं ने गांव में जागरूकता रैली भी निकाली। इस अवसर पर शिक्षक ममता पटवाल, कमल चंद्र रमोला आदि मौजूद थे।

