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बिग बिग ब्रेकिंग: हल्द्वानी की बाजार से सरिया, ईंटें गायब, बाजार का कहीं कंट्रोल नहीं, सेकंड में रेट का अता-पता नहीं
मनोज लोहनी कस्तूरी न्यूज के लिए
हल्द्वानी। खबर हैरत करने वाली है और बाजार के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण भी। कंस्ट्रक्शन कंपनियां परेशान और निर्माण कार्यों पर संकट है। संकट ऐसा कि बड़ी कंस्ट्र्क्शन साइड में काम अटक गया है। इसके पीछे की वजह यह है कि पूरी बाजार से सरिया और इंटें गायब हैं। इसका असर यह हो गया है कि बाजार की डिमांड और सप्लाई के बीच भारी अंतर पैदा हो गया है। डिमांड, सप्लाई के बीच की इस खाई के लगातार बढऩे से कंस्ट्रक्शन कंपनियां परेशान हैं और बाजार में एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है। हाल यह है कि डिमांड-सप्लाई का समीकरण गड़बड़ाने से सरिया, ईंटें की कीमतों में महीने के भीतर ही आसमान उछाल पहुंच गया है। लोहा इस कदर ऐंठ गया है कि वह खरीदार के हाथ आने को राजी नहीं है। यही हाल इंटें का है जो सप्लाई के लिहाज से बहुत ही सख्त हो चुका है।
आपको बताते हैं सरिया बाजार का हाल। डेढ़ महीना पहले सरिया के एक ब्रांड की बुकिंग ५८५० रुपया प्रति कुंतल में थी, वह भी हाथ नहीं आ रहा था। आज यानी ५ मार्च की तारीख को यही सरिया ७७ सौ रुपया प्रति कुंतल बाजार भाव में मुंह फुलाकर खरीदार को चिढ़ाते नजर आया। जिसने इसे मनाया भी तो भी वह सप्लाई को तैयार नहीं था। बारिश से ईंट के भट्ट बंद हुए तो ईंटा भी बुरी तरह उखड़ गया। कस्तूरी न्यूज की टीम ने नैनीताल रोड मुख्य मार्ग पर बड़े स्टॉकिस्ट के स्टॉक सेंटर पर पहुंची तो यह देखकर हैरानी हुई कि सरिया के ढेर से जो प्लॉट पहाड़ से नजर आते थे, वहां बिलकुल सूनसान थी और जमीन साफ दिख रही थी। यही हाल ईंटें स्टॉक करने वाले स्थानों का भी था।
क्यों बढ़ रहे हैं रेट
क्या इस रेट बढऩे के पीछे चुनावों का हाथ है? सेकंड के हिसाब से रेट घट-बढ़ रहे हैं। चुनावों का रेट बढऩे के पीछे क्या हाथ है। इस पर कंस्ट्रक्शन कंपनी के जानकारों का कहना है कि आचार संहिता लागू होने के बाद ऐसा हो रहा है। बताया जा रहा है कि चुनाव परिणाम आने और पांच राज्यों में सरकारें बनने तक रेट फिर बढ़ेगा।