उत्तराखण्ड
नैनीताल जिले के शीर्ष 18 अफसर तलब करने पर बवाल
नैनीताल : डा. बीआर आंंबेडकर जयंती (Ambedkar Jayanti 2022) पर गुरुवार को बेतालघाट ब्लाक के जावा एससी बाहुल गांव में एससी आयोग (PC Gurkha) के उपाध्यक्ष की ओर से तय जागरूकता शिविर में जिले के अफसरों को तलब करने पर विवाद खड़ा हो गया है। जिला प्रशासन अब आयोग उपाध्यक्ष के पत्र के विधिक परीक्षण में जुट गया है, जबकि कानूनी विशेषज्ञ आयोग उपाध्यक्ष के पत्र को आयोग के अधिकार क्षेत्र से विपरीत बता रहे हैं।
डीएम समेत इन अधिकारियों को किया तलब
बुधवार को आयोग उपाध्यक्ष पीसी गोरखा की ओर से जिलाधिकारी को पत्र भेजा गया है। इसमें आंबेडकर जयंती पर बेतालघाट के जावा गांव में जागरूकता शिविर में 18 जिलास्तरीय अफसरों को बुलाया गया है। पत्र में जिलाधिकारी से लेकर सीडीओ, सीएमओ, डीपीओ, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला पर्यटन अधिकारी, सीवीओ, एसडीएम समेत अन्य विभागों के जिलास्तरीय अधिकारियों को खुद उपस्थित होने और विभागीय योजनाओं के स्टाल लगाने के लिए कार्यवाही करने को सुनिश्चित करने के निर्देश देने को कहा गया है।
अधिकारियों को बुलाने की कानूनी वैधता पर बखेड़ा
इस पत्र के साथ ही अधिकारियों को बुलाने की कानूनी वैधता पर बखेड़ा हो गया। कानूनी जानकारों के अनुसार आयोग का काम एसटी समुदाय को अधिकार से वंचित करने से संबंधित शिकायत की जांच करना, सामाजिक आर्थिक विकास की योजना प्रक्रिया में भाग लेना, सुझाव देना, राज्य सरकार को अनुसूचित जातियों के आर्थिक विकास के उपाय की सिफारिश करना है। आयोग उपाध्यक्ष का अफसरों को तलब करना पूरी तरह नियम विरुद्ध है।
मैंने किसी अफसर को नहीं तलब किया : पीसी गोरखा
इस बारे में आयोग उपाध्यक्ष पीसी गोरखा का कहना है कि मैंने किसी अफसर को शिविर के लिए तलब नहीं किया है। सिर्फ निवेदन किया है। बाबासाहेब गरीबों के मसीहा थे, इसलिए इस शिविर के लिए पत्र लिखा है। शिविर के बारे में अभी प्रचार-प्रसार भी नहीं किया है। यह पत्र आयोग की ओर से नहीं भेजा गया है। वहीं डीएम धीराज गब्र्याल का कहना है कि आयोग उपाध्यक्ष का पत्र मिला है। आंबेडकर जयंती अपने कार्यालय में मनाई जाएगी। सीडीओ की ओर से पत्र जारी किया जा रहा है।

