राजनीति
मुख्यमंत्री के नाम पर बोले बंशीधर भगत, कहा- केंद्रीय नेतृत्व जो भी निर्णय लेगा, वह सभी को स्वीकार
देहरादून: निवर्तमान मंत्री, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं देहरादून जिले के प्रभारी मंत्री रहे बंशीधर भगत का सोमवार को यहां पहुंचने पर प्रदेश भाजपा कार्यालय में पार्टी कार्यकर्त्ताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया। इस दौरान पार्टीजनों ने उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया। साथ ही उनके समर्थन में नारेबाजी के बीच जोरदार आतिशबाजी भी की गई। बाद में मीडिया से बातचीत में भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री के नाम को लेकर पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व जो भी निर्णय लेगा, वह सभी को स्वीकार होगा।
प्रदेश के सबसे वरिष्ठतम विधायक भगत ने मीडिया कर्मियों के प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि प्रत्येक कार्यकर्त्ता की इच्छा होती है कि वह आगे बढ़े। यदि कोई दावेदारी कर रहा है तो यह गलत भी नहीं है। जहां तक मुख्यमंत्री के नाम का प्रश्न है तो केंद्रीय नेतृत्व इस पर विचार करेगा और वह जो भी निर्णय करेगा, सभी को मान्य होगा। सभी अपने नेता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ेंगे।
निवर्तमान मंत्रियों और निर्वाचित विधायकों की दिल्ली दौड़ के बारे में पूछने पर भगत ने कहा कि यदि कोई कार्यवश दिल्ली जाता है तो इसे दिल्ली में डेरा डालना कहना गलत है। साथ ही प्रश्न किया कि क्या दिल्ली जाना बंद है। पार्टी के भीतर रहकर कोई भी अपनी बात कहता है तो गलत क्या है। निर्णय होने के बाद सभी को उसे स्वीकारना चाहिए।
देहरादून के कार्यकर्त्ताओं के स्वागत से गदगद भगत ने सभी के प्रति आभार जताया। साथ ही भाजपा को दो-तिहाई बहुमत देने के लिए राज्यवासियों के प्रति भी धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि राज्य में नए युग का सूत्रपात जनता ने किया है। राज्य में सभी कार्य अच्छे से हों और जनता की अपेक्षाएं पूरी हों, इसके लिए भाजपा सरकार पूरी ताकत के साथ काम करेगी। इस मौके पर भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल गोयल व डा देवेंद्र भसीन, प्रदेश मंत्री मधु भट्ट, प्रवक्ता विनय गोयल, कोषाध्यक्ष पुनीत मित्तल, महानगर अध्यक्ष सीताराम भट्ट, प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान आदि उपस्थित थे।
हरदा को संन्यास ले लेना चाहिए
भाजपा नेता भगत ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष रहे हरीश रावत को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि रावत ने भाजपा से जुड़े व्यक्तियों को खरीदने का प्रयास किया। बड़े टोटके भी कराए, लेकिन उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ। भगत ने रावत के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि अब हरदा को संन्यास ले लेना चाहिए।
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