उत्तराखण्ड
बैंक ने 74 बच्चों को चंद मिनटों में बना दिया लखपति-बाद में रिकवरी,जानिए पूरा मामला
बैंक कर्मचारी की गलती से एक स्कूल के 74 छात्र-छात्राएं कुछ समय के लिए लखपति बन गए। अभिभावकों के फोन पर एक लाख से अधिक की राशि खाते में जमा होने का एसएमएस पहुंचा तो वे हैरान रह गए। कई अभिभावक तो बच्चों के साथ तुरंत बैंक पहुंच गए और पूरा पैसा निकाल लाए।
लेकिन जब अगले ही दिन बैंक अधिकारी और शिक्षक घर पहुंचे तो बच्चों और अभिभावकों की खुशी काफूर हो गई। बैंक ने लगभग सभी छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से रकम रिकवर ली है। मुख्यमंत्री टैबलेट योजना के अंतर्गत राजकीय इंटर कॉलेज सलेमपुर महदूद के 94 छात्र-छात्राओं को टेबलेट के लिए 12 हजार की रकम खाते में दी जानी थी।
कुछ बच्चों के 12-12 हजार रुपये बैंक खातों में पहुंच गए। जब बच्चों के अभिभावकों को इतनी बड़ी धनराशि का एसएमएस मिला तो उन्हें यकीन नहीं हुआ। अधिकांश बैंक में पहुंचे और तुरंत राशि निकाल लाए। राजकीय इंटर कॉलेज सलेमपुर महदूद के कार्यवाहक प्रधानाचार्य हरदेश राठौर ने बताया कि बैंक की गलती से बच्चों के खातों में पैसा आया था।
कुछ अभिभावकों ने पैसा सरकार की तरफ से आने की बात कहकर लौटाने से इंकार कर दिया। कुछ ने पैसे से अपनी उधारी चुका दी। लेकिन पंद्रहह दिन के भीतर जैसे-तैसे कर बैंक ने पैसा रिकवर कर ही लिया। शनिवार सुबह मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गहरवार भी उसी स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे थे। लेकिन बच्चों की परीक्षा होने के कारण वे लौट गए। सीडीओ ने कहा कि उनको बच्चों के खातों में जमा की गई रकम की कोई जानकारी नहीं है।
बच्चों के बैंक खाते से बैंक ने पैसा रिकवर कर लिया है। एक बच्चे से रिकवरी शेष है। कॉलेज प्रधानाचार्य से बच्चों के बैंक खातों की दोबारा सूची मांगी है, ताकि बच्चों को टैबलेट का 12-12 हजार रुपये भेजा जा सके।
एसपी सेमवाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी, हरिद्वार
बैंक कर्मचारी ने एक जीरो ज्यादा लगा दिया था। इस कारण बच्चों के खाते में 12 हजार की जगह 1.20 लाख रुपये चले गए थे। लेकिन अब पैसा रिकवर कर लिया है।
विकल वर्मा, बैंक के चीफ मैनेजर

