राजनीति
हरक सिंह रावत मुश्किल में, क्या CBI जांच में फंसेंगे? देखिए क्या बन रहे हैं आसार
देहरादून. उत्तराखंड की पिछली भाजपा सरकार (BJP Government) में मंत्री रहे हरक सिंह रावत के लिए एक और बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है. राज्य में फिर सत्तारूढ़ हुई भाजपा के ही एक विधायक ने हरक सिंह रावत के खिलाफ भ्रष्टाचार के बड़े आरोप (Corruption Charges) लगाकर सीबीआई जांच की मांग पुष्कर सिंह धामी सरकार से कर दी है. भाजपा सरकार में 2017 से 2021 के बीच श्रम मंत्री (Labor & Energy Minister) रहे हरक सिंह के सियासी भविष्य को लेकर जबकि बड़े सवाल खड़े हुए हैं, ऐसे में उनके खिलाफ इस तरह की मांग के चलते राज्य के सियासी गलियारों में कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं. हालांकि भाजपा विधायक ने पत्र में साफ तौर पर हरक सिंह का नाम नहीं लिया है.
इस साल 14 फरवरी को संपन्न हुए उत्तराखंड चुनाव से कुछ ही दिन पहले हरक सिंह को भाजपा ने पार्टी से निष्कासित कर दिया था. इधर, कांग्रेस के टिकट पर उनकी बहू अनुकृति गुसाईं लैंसडौन से चुनाव मैदान में उतरी थीं, लेकिन भाजपा के दिलीप सिंह रावत (Dilip Singh Rawat) ने उन्हें हरा दिया. अब रावत ने खुलकर आरोप लगाए हैं कि 2017 से 2021 के बीच श्रम विभाग में श्रम कल्याण योजनाओं में बड़ी गड़बड़ियां हुईं. यही नहीं, रावत का आरोप है कि कुछ एनजीओ को करोड़ों की रकम नियम विरुद्ध दी गई. इस पूरे मामले में रावत ने सीबीआई जांच की मांग सूबे की सरकार से की है.
क्या लोकसभा चुनाव लड़ेंगे हरक सिंह?
हरक सिंह के खिलाफ क्या सीबीआई जांच हो सकती है? यह सवाल इसलिए चर्चा में है क्योंकि दिलीप रावत को धामी सरकार में मंत्री पद दिए जाने की मांग उठी थी, लेकिन कैबिनेट में उन्हें जगह नहीं मिली. चर्चा है कि अब रावत अपनी ही सरकार पर कुछ दबाव बनाने की कोशिश कर सकते हैं. इधर, यह भी सवाल है कि उत्तराखंड बनने से यह पहली बार सदन में न होने वाले हरक सिंह अगला लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) लड़ेंगे!
कांग्रेस से विधानसभा चुनाव का टिकट हरक सिंह को नहीं मिला, हालांकि हरक ने कहा कि उन्हें डोईवाला से टिकट दिया जा रहा था, लेकिन चुनाव लड़ने से इनकार उन्होंने किया. हरक कह चुके हैं कि वह खाली बैठने वालों में से नहीं हैं. खबरों की मानें तो सोशल मीडिया पर उनके लोकसभा चुनाव लड़ने की खबरें चलीं तो उन्होंने कहा कि पौड़ी या हरिद्वार किसी भी लोकसभा सीट से लड़ सकते हैं, लेकिन पार्टी तय करेगी कि चुनाव लड़ना भी है या नहीं. अभी कुछ तय नहीं है.

