अंतरराष्ट्रीय
रूस यूक्रेन जंग के बीच पुतिन विरोधी नवेलनी ने किया रूस में हर दिन प्रदर्शन करने का आह्वान, चिंतित हुए राष्ट्रपति
रूस और यूक्रेन जंग के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन की मुश्किलें बढ़ सकती है। जेल में बंद क्रेमलिन के आलोचक एलेक्सी नवेलनी ने यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस के खिलाफ नियमित रूप से मास्को की सड़कों पर प्रदर्शन किए जाने का आह्वान किया है। उनकी प्रवक्ता ने बुधवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी है। नवेलनी के इस ऐलान के बाद पुतिन का तनाव बढ़ गया है। यूक्रेन संकट के समय जब पूरी दुनिया रूस के खिलाफ है, ऐसे में नवेलनी का विरोध प्रदर्शन पुतिन की मुश्किल बढ़ा सकता है।
प्रवक्ता किरा यार्मिश ने बताया कि एलेक्सी नवेलनी ने रूस के लोगों से अपील की है कि वह अपने शहर के नजदीकी चौराहों पर हर दिन शाम को सात बजे और शनिवार-रविवार को दोपहर के दो बजे सड़कों पर उतर कर राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के फैसले के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करें। इससे पहले नवेलनी ने लोगों से सवज्ञा आंदोलन करने की अपील की थी। रूस के राष्ट्रपति पुतिन के सबसे बड़े विरोधी माने जाने वाले नवेलनी को पिछले साल जर्मनी से रूस लौटने पर जेल में डाल दिया गया था। उन्होंने पश्चिमी देशों की लैब से परीक्षण करवाकर दावा किया था कि उन्हें जहर देकर जान से मारने की कोशिश की गई थी।
उधर, यूक्रेन पर रूस के हमले का आज सातवां दिन है। रूस के हमले में यूक्रेन को बड़ा नुकसान हुआ है। राजधानी कीव में रूस के हवाई हमले में कई इमारतें जमीदोज हो गई हैं। रूस लगातार मिसाइल से भी हमला कर रहा है। इसी बीच, रूस के विदेश मंत्री ने परमाणु युद्ध की चेतावनी दी है। विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि अगर तीसरा विश्व युद्ध हुआ तो ये परमाणु युद्ध होगा। विदेश मंत्री ने ये भी कहा कि ये बहुत विनाशकारी युद्ध होगा। लावरोव ने कहा है कि अगर कीव ने परमाणु हथियार हासिल कर लिए रूस को ‘वास्तविक खतरे’ का सामना करना पड़ेगा।
गौरतलब है कि रूस की सरकार ने आलोचक एलेक्सी नवलनी को स्वदेश वापस आने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया था। इस बात का पहले से ही अंदेशा भी जताया जा रहा था। नवलनी लगभग छह माह के बाद स्वदेश वापस लौटे थे। 30 दिसंबर 2019 को ही उनके खिलाफ रूस की सरकार ने दबाव बनाते धोखाधड़ी के नए मामले दर्ज किए थे। उन पर आरोप है कि एंटी करप्शन फाउंडे समेत अन्य संस्थाओं के लिए अरबों डालर की फंडिंग में धांधली किए जाने का आरोप है। उनके स्वदेश पहुंचने से पहले ही रूसी जांच एजेंसियों ने उनके खिलाफ जांच भी शुरू कर दी थी। इसके अलावा उनके ऊपर एक पुराने मामले में सजा के निलंबन की शर्तो का उल्लंघन किए जाने का भी आरोप लगा है।

