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हैरत: कांस्टेबल वीरेंद्र तो सत्यपाल निकला, राज्य बनने से पहले ही लिख दी थी कहानी की पटकथा

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रुद्रपुर। ऊधमसिंह नगर के सितारगंज का सत्यपाल नैनीताल जिले में पुलिस में वीरेंद्र के नाम पर नौकरी कर रहा है। इस कांस्टेबल पर किसी अन्य के शैक्षिक अभिलेख के सहारे उत्तराखंड बनने से पहले ही पुलिस महकमे में भर्ती होकर विभाग को झांसा देने का मामला सामने आया है। इस मामले में पंतनगर थाने में कांस्टेबल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पंतनगर के थानाध्यक्ष राजेंद्र सिंह डांगी ने बताया कि खटीमा तहसील के फंडिंग गांव निवासी चंद्रप्रकाश ने इसकी सूचना 14 कार्गीग्रांट हरिद्वार बाइपास रोड देहरादून सतर्कता मुख्यालय को सौंपे शिकायती पत्र में दी थी। कहा था कि नैनीताल के कालाढूंगी में तैनात कांस्टेबल राजीव कुमार का वास्तविक नाम सत्यपाल पुत्र शिवदान प्रसाद है। वह ग्राम विरेंद्रनगर गोठा, थाना सितारगंज का निवासी है।

सत्यपाल वर्ष, 1990 में राजकीय इंटर कालेज सितारगंज से हाईस्कूल की परीक्षा में बैठा था। जिसमें वह अनुत्तीर्ण हो गया था। सत्यपाल ने राजीव कुमार नाम से दस्तावेज तैयार करके या फिर किसी अन्य के शैक्षिक अभिलेख के सहारे उत्तराखंड बनने से पहले ही पुलिस में कांस्टेबल पद पर भर्ती होकर नौकरी कर विभाग को झांसा दिया है।

उन्होंने राजीव कुमार (सत्यपाल) के सभी अभिलेखों की जांच करते हुए कार्रवाई की मांग की थी। थानाध्यक्ष पंतनगर राजेंद्र सिंह डांगी ने बताया कि सतर्कता मुख्यालय के आदेश पर हुई जांच के बाद पंतनगर थाना पुलिस ने कांस्टेबल राजीव कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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