उत्तराखण्ड
सुशीला तिवारी अस्पताल में अल्ट्रासाउंड के बाद अब एमआरआइ भी बंद
हल्द्वानी : डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में 14 मार्च से अल्ट्रासाउंड कक्ष पर ताला लगा हुआ है। मरीज परेशान हैं। मंगलवार को एमआरआइ जांच भी ठप हो गई। 20 साल से अधिक पुरानी मशीन के कंप्रेशर से अचानक धुआं निकलने लगा। इससे अस्पताल में खलबली मच गई।
प्राचार्य प्रो. अरुण जोशी भी मौके पर पहुंच गए। अनहोनी की आशंका के चलते मशीन को चालू नहीं किया गया। अब मशीन के ठीक होने में दो-तीन दिन का समय लग सकता है। जांच बंद होने से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। एसटीएच में प्रतिदिन 40 से अधिक ओपीडी मरीजों के अल्ट्रासाउंड होते थे और करीब 30 मरीजों की एमआरआइ जांच होती थी।
जांच न होने से निराश लौटे मरीज
एसटीएच की एमआरआइ मशीन के दोपहर दो बजे अचानक बंद होने से करीब 10 मरीज बिना जांच कराए लौट गए। इन मरीजों में किसी के सिर का तो किसी के पेट की एमआरआइ जांच होनी थी। यह हाल तब है जब पूरे कुमाऊं के मरीजों का भार अकेले एसटीएच पर है। अल्मोड़ा मेडिकल कालेज अभी शुरुआती दौर में है। पहाड़ से लेकर ऊधमसिंह नगर के रेफरल केस यहीं आते हैं। अब एसटीएच की हालत खुद ही नाजुक है तो मरीज का क्या हाल होगा। इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।
रेडियोलाजी में एसआर भी नहीं कर रहे ज्वाइन
डा. सुशीला तिवारी अस्पताल के रेडियो डायग्नोसिस विभाग में संविदा पर भी सीनियर रेजिडेंट पद पर कोई डाक्टर ज्वाइन करने को तैयार नहीं हैं। जबकि कई दिनों से अस्पताल में वाक इन इंटरव्यू चल रहे हैं। 14 मार्च से रेडियो डायग्नोसिस विभाग रेडियोलाजिस्ट विहीन है।
प्राचार्य प्रो. अरुण जोशी ने बताया कि रेडियोलाजिस्ट की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया चल रही है। एमआरआइ मशीन के लिए लगे एसी के कंप्रेशर से धुआं आने लगा था। मशीन बंद हो गई थी। इंजीनियर को बुलाया गया है। इसे ठीक करने में दो-तीन दिन का समय लग सकता है।

