Connect with us

धर्म-संस्कृति

1991 के बाद हनुमान जन्मोत्सव पर बन रहा ये शुभ संयोग, जानिए पूजा का उत्तम मुहूर्त

खबर शेयर करें -

Hanuman Jayanti 2022 Subh Muhurat and Yog: हनुमान जी का जन्म चैत्र मास की पूर्णिमा हुआ था। इस साल हनुमान जयंती का पावन पर्व बड़े ही दुर्लभ संयोग में मनाया जा रहा है। इस साल हनुमान जयंती या हनुमान जन्मोत्सव 16 अप्रैल, शनिवार यानी आज है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, हनुमान जन्मोत्सव के दिन शनिवार पड़ने से इस दिन का महत्व बढ़ रहा है। शनिवार व मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित माना गया है। इसके साथ ही हनुमान जयंती पर शनि मकर राशि में विराजमान हैं। ऐसा संयोग 31 साल बाद बन रहा है।

मकर राशि में शनि व हनुमान जयंती पर शनिवार के दिन का विशेष संयोग इससे 2022 से पहले 1991 में बना था। उस साल हनुमान जयंती 30 अप्रैल, शनिवार को थी। जानिए इस साल हनुमान जयंती पर बनने वाले संयोग व पूजा मुहूर्त-

हनुमान जयंती पर ग्रहों की स्थिति-

हनुमान जयंती पर शनि मकर व देवगुरु बृहस्पति मीन राशि में रहेंगे। मेष राशि में सूर्य, बुध व राहु की युति बन रही है। मेष राशि में त्रिग्रही योग बन रहा है। वहीं केतु तुला राशि में रहेगा। हनुमान जयंती पर रवि योग का भी निर्माण हो रहा है, इस योग में सूर्यदेव की विशेष कृपा होती है। इस योग में नए काम की शुरुआत को अति उत्तम माना जाता है।

हनुमान जयंती 2022 शुभ मुहूर्त-

हनुमान जयंती पर सुबह 08 बजकर 40 मिनट तक हस्त नक्षत्र था। इसके बाद चित्रा नक्षत्र शुरू हो गया है। इन दोनों नक्षत्रों को मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। वहीं, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 55 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। यह पूजा का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त माना गया है।

इस विधि से करें हनुमान जी की पूजा-

प्रात: जल्दी उठकर दोबारा राम-सीता एवं हनुमान जी को याद करें।
जल्दी सबेरे स्नान ध्यान करें।
 अब हाथ में गंगाजल लेकर व्रत का संकल्प करें।
 इसके बाद, पूर्व की ओर भगवान हनुमानजी की प्रतिमा को स्थापित करें।
 अब विनम्र भाव से बजरंगबली की प्रार्थना करें।
विधि विधान से श्री हनुमानजी की आराधना करें।

Continue Reading

संपादक - कस्तूरी न्यूज़

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in धर्म-संस्कृति

Advertisiment

Recent Posts

Facebook

Trending Posts

You cannot copy content of this page