उत्तराखण्ड
जमानत के रूप में निर्वाचन आयोग में जब्त हुए 44 लाख रुपये
देहरादून: प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग को 44 लाख रुपये की अतिरिक्त कमाई हुई है। आयोग को यह धनराशि सभी 70 विधानसभा क्षेत्रो में 477 प्रत्याशियों की जमानत जब्त होने के कारण हुई है।
प्रदेश में विधानसभा चुनाव में 632 उम्मीदवार खड़े हुए थे। इनमें कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी ने सभी 70 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। बसपा ने 60, सपा ने 56 और उक्रांद ने 46 प्रत्याशी प्रत्याशी मैदान में उतारे थे। इनके अलावा 260 प्रत्याशी निर्दल थे। इनमें से 477 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई। विशेष यह कि इस बार ऐसा कोई दल नहीं रहा, जिसके प्रत्याशियों की जमानत जब्त न हुई हो। इसमें भाजपा, कांग्रेेस, आप, बसपा, सपा, उक्रांद आदि सभी दल शामिल हैं।
जिन प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई, उनमें सामान्य वर्ग और अनुसूचित, दोनों ही वर्गों के उम्मीदवार शामिल हैं। चुनाव लडऩे के लिए सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए जमानत राशि 10 हजार रुपये और अनुसूचित जाति वर्ग के लिए जमानत राशि पांच हजार रुपये थी। प्रदेश में सामान्य वर्ग की 55 और आरक्षित वर्ग के लिए 15 सीटें हैं। पहले बात करें आरक्षित वर्ग की सीटों की तो इन सीटों पर 65 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई है। इसे यदि पांच हजार रुपये से गुणा किया जाए तो यह राशि 3.25 लाख रुपये बैठती है। सामान्य वर्ग की सीटों पर 412 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई है।
यह राशि 41.20 लाख रुपये बैठती है। यह कुल राशि 44.45 लाख रुपये बैठती है। कुछ सीटों पर आरक्षित वर्ग के प्रत्याशी भी लड़े थे। इनकी संख्या बहुत अधिक नहीं थी। यदि इनकी संख्या हटा भी दी जाए तो फिर भी अनुमानित तौर पर चुनाव आयोग को 44 लाख रुपये जमानत के तौर पर मिले हैं।
वहीं, 2017 के चुनाव पर नजर डालें तो इस चुनाव में 637 उम्मीदवार मैदान में थे। जिनमें से 474 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई थी और आयोग को तकरीबन 43 लाख रुपये जमानत के रूप में मिले थे।

