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टीएमयू के टीचर्स ने ऑनलाइन देखी चंद्रयान-3 की लॉचिंग

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-टीएमयू के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन ने चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण को असाधारण उपलब्धि बताते हुए कहा, यह मिशन निःसंदेह नई खोजों और प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगा

ख़ास बातें

चंद्रयान-तीन के लांच होते ही तालियों से गूंजा एलटीप्रो. एमपी सिंह

-, प्रो. आरके द्विवेदी ने सभी को दी बधाईसीसीएसआईटी के निदेशक प्रो. द्विवेदी बोले, गर्व के पलडीन स्टुडेंट्स वेलफेयर ने कहा, भारत की बड़ी उपलब्धि

-फिजिक्स विभाग के एचओडी बोले, वैज्ञानिकों पर नाज़

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के सीसीएसआईटी का एलटी देश की महान उपलब्धि का गवाह बना। सीसीएसआईटी के निदेशक प्रो. आरके द्विवेदी, डीन स्टुडेंट्स वेलफेयर प्रो. एमपी सिंह समेत इंजीनियरिंग के फिजिक्स विभाग के संग-संग दीगर कॉलेजों की फैकल्टीज़ ने भी चंद्रयान-3 की लॉचिंग का लाइव प्रसारण देखा। जैसे ही दोपहर 02: 35 बजे चंद्रयान-3 की लॉचिंग हुई एलटी में मौजूद सभी गर्व की अनुभूति से अभिभूत दिखाई दिए। सभी एक-दूसरे को बधाई देने लगे और एलटी तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

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दूसरी ओर टीएमयू के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, जीवीसी श्री मनीष जैन, एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन के संग-संग वीसी प्रो. रघुवीर सिंह, रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा, डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन ने चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण को असाधारण उपलब्धि बताते हुए कहा, यह मिशन निःसंदेह नई खोजों और प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगा। लाइव प्रसारण देखने वालों में फिजिक्स विभाग के एचओडी डॉ. अमित शर्मा, प्रो. रवि जैन, डॉ. आशेन्द्र सक्सेना, प्रो. आरसी त्रिपाठी, डॉ. अजय उपाध्याय, डॉ. रूपल गुप्ता, डॉ. विपिन कुमार, डॉ. हिमांश कुमार, डॉ. संकल्प गोयल, डॉ. संदीप वर्मा आदि शामिल रहे।उल्लेखनीय है, देश का तीसरा मून मिशन चंद्रयान-3 दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर लॉन्च हो गया। इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से छोड़ा गया। चंद्रयान-3 मिशन सबसे अलग और खास है, क्योंकि अब तक जितने भी देशों ने अपने यान चंद्रमा पर भेजे हैं, उनकी लैंडिग उत्तरी ध्रुव पर हुई है, जबकि चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला यान होगा. चंद्रयान-3 मिशन साल 2019 में किए गए चंद्रयान-2 मिशन का फॉलोअप मिशन है।

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इस मिशन में लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग और रोवर को सतह पर चलाकर देखा जाएगा, जिसके जरिए जानकारी जुटाई जाएगी। इसरो का चंद्रयान-3 मिशन चांद के अज्ञात स्थलों की जानकारी देगा। रासायनिक तत्व और पानी-मिट्टी की खोज करेगा। इसके अलावा चंद्रयान-3 चांद पर बहुमूल्य धातु का पता लगाएगा। चंद्रयान-3 की चंद्रमा के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग होगी। रोवर को चंद्रमा की सतह पर चलाना लक्ष्य है। चंद्रमा पर मौजूद तत्वों का वैज्ञानिक परीक्षण चंद्रयान-3 करेगा। बता दें कि चंद्रयान-1 मिशन में 386 करोड़ रुपये का खर्च आया था. वहीं, चंद्रयान-2 मिशन में 978 करोड़ रुपये की लागत आई थी. अब चंद्रयान-3 मिशन भी काफी किफायती है। इसकी लागत 615 करोड़ रुपये है. इतने में तो स्पेस पर आधारित हॉलीवुड की फिल्में बनती हैं।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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