उत्तराखण्ड
मंत्री के फर्जी डिजिटल हस्ताक्षर से हो गया प्रमोशन, अब तीन अफसरों की कमेटी करेगी मामले की जांच
देहरादून। सचिवालय प्रशासन ने कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के फर्जी हस्ताक्षर मामले में जांच बैठा दी है। तीन सदस्यीय समिति जांच कर रिपोर्ट सचिवालय प्रशासन को सौंपेगी।
पिछले दिनों कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन राधा रतूड़ी से इसकी शिकायत की थी। उन्होंने अपने एक निजी सचिव पर यह आरोप लगाया था। इसके तत्काल बाद ही उन्होंने अपने कार्यालय से निजी सचिव को हटा दिया था।
आरोप है कि कैबिनेट मंत्री के पास तीन-चार फाइलें अनुमोदन के लिए भेजी गई थी। इनमें से एक फाइल को मंत्री ने रोक दिया था। निजी सचिव ने इस फाइल पर कैबिनेट मंत्री महाराज के डिजिटल हस्ताक्षर कर फाइल प्रमुख सचिव लोनिवि आरके सुंधाशु को भेज दी थी। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के अनुमोदन के बाद जब प्रमुख सचिव स्तर से संबंधित अफसर के प्रमोशन के आदेश हुए थे कैबिनेट मंत्री अचरज में पड़ गए। महाराज ने इसकी तहकीकात कराई तो पता चला कि संबंधित फाइल पर डिजिटल हस्ताक्षर के जरिए उनका भी अनुमोदन है। उन्होंने अपने स्टाफ से अलग-अलग पूछताछ की तो फिर इसका खुलासा हुआ।
पहले अपर सचिव प्रताप शाह की यह जांच दी गई थी। अब सचिवालय प्रशासन ने अपर सचिव कार्मिक डा. ललित मोहन रयाल,, वेदी राम और संयुक्त सचिव श्याम सिंह चौहान को यह जांच सौंपी है।
सूत्रों ने बताया कि सचिवालय प्रशासन ने अभी तक संबंधित निजी सचिव को आरोप पत्र नहीं भेजे हैं, जिससे जांच टीम इस असंमसज में है कि वे ही दस्तावेजों का परीक्षण करने के बाद आरोप पत्र देंगे अथवा सचिवालय प्रशासन देगा।