क्राइम
100 करोड़ में राज्यसभा भेजने वाला गिरोह: बड़े नौकरशाह व नेताओं के नाम का सहारा ले रहे थे ठग
नई दिल्ली। सीबीआई ने एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ कर इसके चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी राज्यसभा सीट और राज्यपाल पद दिलाने का झूठा वादा कर लोगों से कथित तौर पर सौ करोड़ रुपये की ठगी की कोशिश कर रहे थे।
अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने मामले में हाल ही में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में सात स्थानों पर छापेमारी की थी। सीबीआई ने महाराष्ट्र के लातूर जिले के रहने वाले कमलाकर प्रेमकुमार बंदगर, कर्नाटक के बेलगाम निवासी रवींद्र विह्वल नाइक और दिल्ली-एनसीआर के रहने वाले महेंद्र पाल अरोड़ा तथा अभिषेक बूरा को गिरफ्तार कर लिया।
उन्होंने कहा कि छापेमारी के दौरान मोहम्मद एजाज खान नामक एक आरोपी सीबीआई अधिकारियों पर हमला कर फरार होने में कामयाब रहा। अधिकारियों ने बताया कि फरार आरोपी के खिलाफ जांच एजेंसी के अधिकारियों पर हमला करने के आरोप में स्थानीय थाने में एक अलग प्राथमिकी दर्ज की गई है। एजेंसी ने मामले के सिलसिले में सभी पांचों आरोपियों को प्राथमिकी में नामजद किया है।
हालांकि, सीबीआई की एक विशेष अदालत ने एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किए गए सभी चार लोगों को जमानत दे दी है। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि बंदगर खुद को एक वरिष्ठ सीबीआई अधिकारी के रूप में पेश करता था और उच्च पदस्थ अधिकारियों के साथ अपने ‘संबंधों’ का हवाला देते हुए बूरा, अरोड़ा, खान और नाइक से कोई भी ऐसा काम लाने को कहता था, जिसे वह भारी-भरकम रकम के एवज में पूरा करवा सके।
आरोपी 100 करोड़ रुपये के एवज में राज्यसभा की उम्मीदवारी दिलवाने के झूठे वादे के साथ लोगों को ठगने की कोशिशों में जुटे थे। प्राथमिकी के मुताबिक, सीबीआई को सूचना मिली थी कि आरोपी वरिष्ठ नौकरशाहों और राजनीतिक पदाधिकारियों के नाम का इस्तेमाल करेंगे, ताकि किसी काम के लिए उनसे संपर्क करने वाले ग्राहकों को सीधे या फिर अभिषेक बूरा जैसे बिचौलिए के माध्यम से प्रभावित किया जा सके।