अजब-गजब
गद्दारी: 115 करोड़ रुपये लेकर बना दिया भारत का गलत नक्शा, ऐसे आए गिरफ्त में…
नई दिल्ली। 115 करोड़ रुपये में इन्होंने अपना ईमान ऐसा बेचा कि भारत का गलत नक्शा बनाकर प्रसारित कर दिया। मामला जब जांच तक पहुंचा पुलिस को यह महत्वपूर्ण जानकारी मिली और फिर इनकी गिरफ्तारी हो गई। बात हो रही है न्यूजक्लिक के प्रबीर पुरकायस्थ और इसी संस्थान के मानव संसाधन प्रमुख अमित चक्रवर्ती की जिन्हें मंगलवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
दरअसल यहां मामला विदेशी फंडिंग से जुड़ा हुआ है। भारत विरोधी सक्रिय गैंग अपना देश विरोधी एजेंडा चलाने के लिए तरह-तरह के हथियार इस्तेमाल करती है और उनमें सबसे आसान है सोशल मीडिया और मीडिया संस्थान। ऐसी ही वाकये में उन्होंने न्यूजक्लिक को सामने रखा। इनके प्रस्ताव पर न्यूजिक्लिक के प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती ने देश विरोधी नक्शा ही बना डाला और इसके लिए उन्हें मिले थे 115 करोड़ विदेशी फंडिंग के रूप में।
न्यूजिक्लिक के संस्थापक प्रबीर की गिरफ्तारी की दिल्ली पुलिस ने जो कहानी बताई है उससे विदेशी फंडिंग की बात सामने आई है। पुलिस के मुताबिक उसके पास पर्याप्त सबूत हैं, जिसके आधार पर दोनों की गिरफ्तारी हुई है। दरअसल गलत नक्शें के हिसाब से यह दिखाना था कि अरुणाचल प्रदेश और कश्मीर को भारत का हिस्सा नहीं दिखाया जाए, जिसके तहत वैश्विक एजेंडा चलाया जा रहा है। दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया कि उनके पास अमेरिकी टेक मुगल राय सिंघम के बीच ईमेल के ट्रेल्स हैं इसमें बात की गई थी कि भारत का नक्शा किस तरह बनाया जाए ताकि दोनों ही क्षेत्र विवादिक रूप में सामने आ जाएं।
प्रबीर की अमित चक्रवर्ती के साथ मंगलवार को गिरफ्तारी हुई थी। पुलिस ने न्यूजक्लिक परिसर और न्यूज पोर्टल से जुड़े कई पत्रकारों और कर्मचारियों के घरों पर भी छापेमारी की जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई। पुलिस का कहना है कि दोनों को ऐसा नक्शा बनाने के लिए ११५ करोड़ रुपयों से अधिक की विदेशी फंडिंग हुई थी। न्यूजक्लिक को २०१८ में अवैध तरीके के जरिये करोड़ों की विदेशी फंडिंग हुई है।
पुलिस ने यह आरोप भी लगाया कि न्यूजक्लिक में शेयर धारक गौतम नवलखा ने प्रतिबंधित नक्सली संगठनों के साथ काम किया और आईएमआई एजेंट गुलाम नबी फई के साथ राष्ट्र विरोधी सांठगांठ की। कहा कि इन फंड का इस्तेमाल सार्वजनिक जीवन को बाधित करने और किसानों के विरोध के माध्यम से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए भी किया गया था। प्रबीर २०१९ लोकसभा चुनावों के दौरान चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने की साजिश में भी लगे हुए थे।