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उत्तराखण्ड

यूपी से यहां सप्लाई होती है नकली पनीर, 900 किलो जब्त

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देहरादून : राजधानी देहरादून में नकली (सिंथेटिक) पनीर व मावा की सप्लाई जमकर हो रही है। ये मिलावटी पनीर व मावा सहरानपुर व आसपास के इलाकों से यहां पहुंचाया जा रहा है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने दो दिन पहले ही दून व हरिद्वार में सप्लाई को लाया गया पांच सौ किलो नकली पनीर पकड़कर उसे नष्ट किया था। वहीं रविवार सुबह को विभागीय टीम ने जिलाधिकारी के निर्देश पर भंडारीबाग व नेहरू कालोनी में अभियान चलाकर करीब नौ क्विंटल यानी नौ सौ किलो सिंथेटिक पनीर पकड़ा है। साथ ही नकली मावा भी पकड़ा गया। पकड़े गए पनीर व मावा को नष्ट कर दिया गया। पिछले डेढ़ माह के भीतर खाद्य सुरक्षा विभाग तकरीबन डेढ़ हजार किलो पनीर पकड़ चुका है।

खाद्य सुरक्षा विभाग के उपायुक्त गढ़वाल आरएस रावत व जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी पीसी जोशी के नेतृत्व में कल सुबह चलाए गए अभियान में पनीर व मावा की सप्लाई करने वाले तीन वाहनों को पकड़ा गया। इनमें से एक वाहन में चार क्विंटल, दूसरे में तीन क्विंटल व तीसरे में दो क्विंटल पनीर था। इस पनीर को रेस्तरां व होटलों में सप्लाई किया जाना था। प्रथम दृष्टया पनीर घटिया प्रतीत हो रहा था। विभागीय टीम ने वाहन चालकों से पूछताछ में बताया गया कि पनीर की सप्लाई सहारनपुर से हो रही है। पूर्व में भी कई रेस्तरां व होटलों में पनीर की सप्लाई की जा चुकी है।

जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी पीसी जोशी ने बताया कि पनीर के पांच सैंपल लेकर जांच को रुद्रपुर लैब भेजे गए हैं। वहीं पकड़ा गई पनीर को पुलिस की मौजूदगी में नगर निगम के डंपिंग जोन में नष्ट किया गया। सिंथेटिक पनीर व मावा की सप्लाई करने वालों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है। जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार ने कहा कि मिलावटी खाद्य पदार्थों से स्वास्थ्य से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। इसी तरह के अभियान आने वाले दिनों में भी चलाए जाएंगे। टीम में वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी रमेश सिंह, संजय तिवारी, योगेंद्र पांडेय, मंजू रावत, एफडीए विजिलेंस के उपनिरीक्षक जगदीश रतूड़ी, संजय सिंह, योगेंद्र आदि शामिल रहे।

पनीर

  • पनीर का टुकड़ा हाथ में मसलकर देखें। अगर यह टूटकर बिखरे तो समझ लीजिए मिलावटी है, क्योंकि इसमें मौजूद केमिकल दबाव नहीं सह पाता।
  • पनीर को पानी में उबाल कर ठंडा कर लें। ठंडा हो जाए तो उस पर कुछ बूंदें आयोडीन टिंचर की डालें। अगर पनीर का रंग नीला पड़ जाए तो समझ लीजिए कि यह मिलावटी है।
  •   नकली पनीर ज्यादा टाइट होता है। उसका टैक्सचर रबड़ की तरह होता है।

मावा

  • मावे को हथेली पर रखने पर यदि यह तेल छोड़ता है तो मिलावट नहीं है।
  • मावे को हल्के गुनगुने पानी में डाल दें। फिर इसमें थोड़ा चने का आटा व चुटकी भर हल्दी मिला दें। रंग गुलाबी आता है तो समझिये मिलावट है।

दूध

  • असली दूध का स्वाद हल्का मीठा होता है, जबकि नकली दूध का स्वाद डिटर्जेंट और सोडा मिला होने की वजह से कड़वा हो जाता है।
  • स्टोर करने पर असली दूध अपना रंग नहीं बदलता। नकली दूध कुछ वक्त के बाद पीला पडऩे लगता है।
  • दूध को हथेलियों के बीच रखकर उसे रगड़ें। अगर चिकनाहट महसूस नहीं होती है, तो दूध असली है। नकली दूध को अगर आप अपने हाथों के बीच रगड़ेंगे, तो आपको चिकनाहट महसूस होगी।

नकली घी, पनीर यानी बीमारी को न्योता

वरिष्ठ फिजीशियन डा. प्रवीण पंवार के अनुसार, मिलावटी दूध, पनीर और घी खाने से हृदय, लिवर, किडनी, आंत को नुकसान पहुंचता है। इसके साथ ही पेट की बीमारी और कैंसर तक हो सकता है। साथ ही केमिकल बच्चों को मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत कमजोर कर देते हैं। कई बार इन केमिकल के कारण नपुंसकता और अपंगता की भी समस्या देखी गई है।

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संपादक - कस्तूरी न्यूज़

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